तुम सिद्धि करो महाराज होली के दिन में

तुम सिद्धि करो महाराज होली के दिन में

तुम सिद्धि करो महाराज, होली के दिन में।
गणपति गौर महेश मनावें, पर-पर मंगल काज,
होली के दिन में तुम।।

राधा कृष्ण सकल बृजवासी, राखो सबकी लाज।
राम लछीमन भरत शत्रुघ्न, रघुकुल के सिरताज।।
ब्रह्मा विष्णु महेश मनावें, घर-घर गावें फाग।
ब्रह्मा विष्णु सदा प्रतिपालक, खग-दुःख को त्याग।।
इन्द्रादिक सुर कोटि तैंतीसा, राखो सबकी लाज।
बालक वृद्ध सब होली खेलें, खेलत सब बृज नाज।।

पाँचों पांडव होली खेलें, खेलत द्रोपदी नार।
राम जी खेलें, लछीमन खेलें, खेलत सीता नारि।
जगदम्बा नव दुर्गा देवी, राखो हमरि लाज।
अबीर गुलाल के थाल सजे, घर-घर उड़त गुलाल।।
गिरजा सुत गणपति विघ्न हरो।
विघ्न हरो तुम सगुन करो, गिरजा सुत गणपति विघ्न हरो।।
लम्बोदर गज-बदन विनायक, मस्तक चन्दन तिलक पड़ो।
चार भुजा मूषक की सवारी, विघ्न अमंगल देखि डरो।।
हाथ में अंकुश शंख विराजै, श्वेत बदन एक-दन्त खड़ो।
सुर नर मुनि सब ध्यान धरत हैं, नहि गणपति बिन काज करो।।

सुख में दुःख में और विपत में, नाम सुमिर से होय भलो।
विनती करत हैं, अरज करत हैं, विपत हमारी दूर करो।।


तुम सिद्धि करो महाराज होली Singer Rajendra Dhaila

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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