थारी नगरी में भगतां फाग मचायो रे लिरिक्स Thari Nagari Me Faag Lyrics

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थारी नगरी में सांवरिया,
भगतां फाग मचायो रे,
थारी नगरी में सांवरिया,
भगतां फाग मचायो रे।

अबीर गुलाल की भर भर झोली,
रोली भाल लगाई जी
ईसो फाग तो मैं भी खेलूं
जी ललचायो रे
थारी नगरी में सांवरिया,
भगतां फाग मचायो रे।

अनमोलो चोलो केसरियो
फेट्यो बंध्यो कसुतो जी
आज बतादे तन्ने कन्हैया
कुण सजायो रे
थारी नगरी में सांवरिया,
भगतां फाग मचायो रे।

सीधो सीधो सभा मंड से
बेगो बाहर आजा रे
भीतर बड़के बैठ्यो म्हाने
दाय ना आयो रे
थारी नगरी में सांवरिया,
भगतां फाग मचायो रे।

थारे आया ही अलबेला रंग
सुरंगो जमसी जी,
श्याम बहादुर शिव मस्ती
को प्यालो प्यायो रे
थारी नगरी में सांवरिया,
भगतां फाग मचायो रे।
थारी नगरी में सांवरिया,
भगतां फाग मचायो रे,
थारी नगरी में सांवरिया,
भगतां फाग मचायो रे।

खाटू श्याम फागुन मेला सम्पूर्ण श्याम भक्तों में प्रसिद्द है। यह त्योहार फागुन (फरवरी-मार्च) के हिंदू महीने के दौरान मनाया जाता है और समस्त श्याम भक्त खाटू नगरी में आते हैं जो श्री कृष्ण जी के अवतार हैं।
त्योहार के दौरान, पूरे भारत से भक्त पूजा करने और देवता से आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में इकट्ठा होते हैं। त्योहार विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों द्वारा चिह्नित किया जाता है, जिसमें संगीत और नृत्य प्रदर्शन, जुलूस और अन्य पारंपरिक अनुष्ठान शामिल हैं।
खाटू श्याम फागुन मेले का एक मुख्य आकर्षण रंगीन होली समारोह है, जो फागुन के महीने में पूर्णिमा के दिन होता है। भक्त एक-दूसरे रंगों से सराबोर करते हैं।
त्योहार हर साल बड़ी संख्या में आगंतुकों और भक्तों को आकर्षित करता है, जो खाटू श्याम का आशीर्वाद लेने आते हैं और जीवंत उत्सवों में भाग लेते हैं। यह त्योहार न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का उत्सव भी है।


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