गुरूदेव की कुटिया को लिरिक्स Gurudev Ki Kutiya Bhajan Lyrics
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है,
मेरे घर आओ गुरूदेव,
मैंने आप को बुलाया है।
गुरु मेरे ब्रम्हा है,
गुरु मेरे विष्णु हैं,
गुरु मेरे शिव भोले,
जिसने जगत रचाया है,
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है।
गुरु मेरी गंगा है,
गुरु मेरी जमुना है,
गुरु मेरी त्रिवेणी,
जिसने जगत नवाया है,
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है।
गुरु मेरे चंदा है,
गुरु मेरे तारा है,
गुरु मेरे सूरज किरण,
जिससे जगत उजियारा है,
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है।
गुरु मेरे माता पिता,
गुरु मेरे बंधु सखा,
गुरु मेरे सतगुरु है,
जिसने ज्ञान बताया है,
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है,
मेरे घर आओ गुरूदेव,
मैंने आप को बुलाया है।
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है,
मेरे घर आओ गुरूदेव,
मैंने आप को बुलाया है।
मैंने फूलों से सजाया है,
मेरे घर आओ गुरूदेव,
मैंने आप को बुलाया है।
गुरु मेरे ब्रम्हा है,
गुरु मेरे विष्णु हैं,
गुरु मेरे शिव भोले,
जिसने जगत रचाया है,
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है।
गुरु मेरी गंगा है,
गुरु मेरी जमुना है,
गुरु मेरी त्रिवेणी,
जिसने जगत नवाया है,
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है।
गुरु मेरे चंदा है,
गुरु मेरे तारा है,
गुरु मेरे सूरज किरण,
जिससे जगत उजियारा है,
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है।
गुरु मेरे माता पिता,
गुरु मेरे बंधु सखा,
गुरु मेरे सतगुरु है,
जिसने ज्ञान बताया है,
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है,
मेरे घर आओ गुरूदेव,
मैंने आप को बुलाया है।
गुरूदेव की कुटिया को,
मैंने फूलों से सजाया है,
मेरे घर आओ गुरूदेव,
मैंने आप को बुलाया है।
गुरुजी की कुटिया को मैंने फूलों से सजाया है | Guruji Ki Kutiya Ko Maine Phoolo Se | Guru Ji Bhajan
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