जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही हिंदी मीनिंग

जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही हिंदी मीनिंग Jab Main Tha Tab Hari Nahi Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही।
सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही।
 
Jab Main Tha Tab Hari Nahi, Aub Hai Hai Main Nahi,
Sab Andhiyara Mit Gaya, Deepa Dekhya Mahi.

जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही हिंदी मीनिंग Jab Main Tha Tab Hari Nahi Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

जब तक व्यक्ति में अहम् भाव रहता है, अभिमान रहता है तब तक वह ईश्वर की प्राप्ति नहीं कर सकता है। जब अहम नष्ट हो जाता है तब  वह हृदय में स्थित दीपक को देख पाता है। आशय है हृदय का अन्धकार तब स्वतः ही दूर हो जाता है जब व्यक्ति हृदय में हरी को पाता है। इस दोहे में कबीर दास जी हमें आत्मज्ञान की प्राप्ति के बारे में बता रहे हैं। वे कहते हैं कि जब तक हम अपने अहंकार में हैं, तब तक हम ईश्वर को नहीं पा सकते। जब हम अपने अहंकार को त्याग देते हैं, तो हम ईश्वर को अपने अंदर पाते हैं।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
  1. माँगन गै सो मर रहै मरै जु माँगन जाहिं हिंदी मीनिंग Mangan Ge So Mar rahe Meaning
  2. दासातन हरदै बसै साधुन सो अधिन हिंदी मीनिंग Dasatan Harade Base Meaning
  3. माँगन मरण समान है मीनिंग Mangan Maran Saman Hai Meaning
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

+

एक टिप्पणी भेजें