जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही हिंदी मीनिंग Jab Main Tha Tab Hari Nahi Meaning

जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही हिंदी मीनिंग Jab Main Tha Tab Hari Nahi Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही।
सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही।
 
Jab Main Tha Tab Hari Nahi, Aub Hai Hai Main Nahi,
Sab Andhiyara Mit Gaya, Deepa Dekhya Mahi.

जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही हिंदी मीनिंग Jab Main Tha Tab Hari Nahi Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

जब तक व्यक्ति में अहम् भाव रहता है, अभिमान रहता है तब तक वह ईश्वर की प्राप्ति नहीं कर सकता है। जब अहम नष्ट हो जाता है तब  वह हृदय में स्थित दीपक को देख पाता है। आशय है हृदय का अन्धकार तब स्वतः ही दूर हो जाता है जब व्यक्ति हृदय में हरी को पाता है। इस दोहे में कबीर दास जी हमें आत्मज्ञान की प्राप्ति के बारे में बता रहे हैं। वे कहते हैं कि जब तक हम अपने अहंकार में हैं, तब तक हम ईश्वर को नहीं पा सकते। जब हम अपने अहंकार को त्याग देते हैं, तो हम ईश्वर को अपने अंदर पाते हैं।

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