समर चली महाकाली माता भजन
(मुखड़ा)
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली,
काला खप्पर हाथ धरे माँ,
मुंड माला डाली,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।
(अंतरा)
एक हाथ में खड्ग धरे माँ,
दूजे त्रिशूल है धारी,
तीजे में है चक्र सुदर्शन,
चौथे कटार संभाली,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।
आँखों से चिंगारी छोड़े,
मुख से निकले ज्वाला,
थर-थर कांपे देखो असुरदल,
ऐसी ले किलकारी,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।
पल में कई दानव संहारे,
पल में चट कर डाली,
पल में कई को राख बनाई,
ऐसी ले हुंकारी,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।
कालों की माँ काल बनी रे,
रणचंडी माँ ज्वाला,
दे मुझे आँचल की छैया,
मैया मेहरवाली,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।
(पुनरावृति)
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली,
काला खप्पर हाथ धरे माँ,
मुंड माला डाली,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।
Samar Chali Mahakaali || समर चली महाकाली || Shahnaaz Akhtar || Navratri Special Bhajan 2022
Song :- Samar Chali Mahakali
Singer :- Shahnaaz Akhtar
Music :- Prateek Shrivastava
Composition & Lyrics :- Shahnaaz Akhtar
Recorded At :- Shahnaaz Akhtar Studio
Mix and Mastering :- Prateek Shrivastava