सज धज कर बैठी मां
सज धज कर बैठी मां,
और मन्द मन्द मुस्काए,
आओ नज़र उतारे मैया की,
मेरी मां को नज़र ना लग जाये।
कोई काजल डिब्बी ले आओ,
मेरी मां को टीका लगा जाओ,
मेरी प्यारी प्यारी मैया को,
भक्तों की नज़र ना लग जाये।
सज धज कर बैठी मां,
और मन्द मन्द मुस्काए,
आओ नज़र उतारे मैया की,
मेरी मां को नज़र ना लग जाये।
जब मैया चलती पग रख कर,
पैरो के घुंघरू बोल रहे,
इस सुंदर सुंदर पायल को,
कंजकों की नज़र ना लग जाये।
सज़ धज कर बैठी मां,
और मन्द मन्द मुस्काए,
आओ नज़र उतारे मैया की,
मेरी मां को नज़र ना लग जाये।
मेरी मां का मुखड़ा भोला है,
चुनरी मे चंदा लिपटा है,
इस सोने सोने मुखड़े को,
चंदा की नज़र ना लग जाये।
मेरी मां की लीला न्यारी है,
तेरी सुंदर शेर सवारी है,
इस जग की पालनहारी को,
कही खुद की नज़र ना लग जाये।
SSDN:-सज़ धज कर बेठी मां ओर मन्द मन्द मुस्काए| New Mata rani bhajan | Devi bhajan | Navratri bhajan
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