साथणिया म्हारी रातड़लो सपनों
जय श्री राम
साथणिया म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो,
भायेल्या म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो।
सपनों आयो ये सखी,
देखयो एक लंगूर,
बरगद सारा तोड़िया,
करिया चकनाचूर,
मैं या नहीं जाणी सपना की,
बाता तो साची हो जासी।
साथणिया म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो,
भायेल्या म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो।
लंका सारी जल रही,
यूं दिख शमशान,
हाय बराई हो रही,
मचयो लंका में शोर,
मैं या नहीं जाणी,
छोटो सो बांदरियो,
लंका जला जासी।
साथणिया म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो,
भायेल्या म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो।
सेतु बांध पिया आवसी,
आसी श्री रघुवीर,
रामादल क मायन,
कटसी थाको शीश,
थे माफी मांगो तो लंका को,
दुखड़ो तो सारो मिट जासी।
साथणिया म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो,
भायेल्या म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो।
तुलसीदास आशा रघुवर की,
सुनजो श्री रघुवीर,
मैं या नहीं जाणी,
लंका को लंकेश्वर,
विभीषण बन जासी।
साथणिया म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो,
भायेल्या म्हारी रातड़लो,
सपनों तो म्हान यूं आयो।
बजरंगबली की जय हो।
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