कान्हा रे तेरे बिना मैं कैसे जियूं
सभी को राधे श्याम।
कान्हा रे कान्हा रे,
तेरे बिना मैं कैसे जियूं,
आज रे आजा रे,
मेरे मन समझा तू।
श्री राधा राधा जपके,
तुझको पुकारे मन,
चरणों में तेरे बीत जाए,
मेरा जीवन,
कान्हा रे कान्हा रे,
तेरे बिना मैं कैसे जियूं,
आजा रे आजा रे,
इन सांसों में बस जा तू।
कान्हा रे कान्हा रे,
तेरे बिना मैं कैसे जियूं,
आज रे आजा रे,
मेरे मन समझा तू।
इस दास का देखो,
तुम पागलपन के,
आये नहीं इसे चैन,
तेरे दरस को प्यारे ये पागल,
अपने बिछाए नैन,
अब मारो या रखो,
तुम्हारी है मर्जी,
दर से ना जाऊं कहीं,
तुम मेरे हो मेरे हो,
बस मेरे मोहन,
चाहे हूं गलत या सही,
जग से हारा हूं,
हार के तुझको पा लिया रे।
कान्हा रे कान्हा रे,
तेरे बिना मैं कैसे जियूं,
आज रे आजा रे,
मेरे मन समझा तू।
Aja Re | Special Radha Naam at the End | Dhruv Sharma + Swarna Shri | The Brajkeepers
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Sabhi Ko Radhe Shyaam
Kanha Re Kanha Re
Tere Bina Main KAise Jiyun
Aaj Re Aaja Re
Mere Man Samajaa Tu
Shri Radha Radha Japke Tujhko Pukaare Man
Charno Mei Tere Beet Jaaye Mera Jeevan
Kanha Re Kanha Re Tere Bina Main Kaise Jiyun
Aaja Re Aaja Re In Saanso Mein Bas Jaa Tu
Production - The Brajkeepers
Audio Production
Vocals - Dhruv Sharma
Lyrics - Dhruv Sharma + Swarna Shri
Music - Dhruv Sharma
श्री कृष्ण जी का यह मधुर भजन, कान्हा यानी श्री कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति भावना और प्रेम को व्यक्त करता है। इसमें भक्त की अपने स्वामी / कृष्ण के बिना विरह स्थिति को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है। राधा रानी का स्मरण करते हुए, भक्त अपने मन को समझाने की कोशिश करता है और कृष्ण के दर्शन की प्रार्थना करता है। भजन में भक्त की व्याकुलता और समर्पण झलकती है, जो कान्हा के चरणों में अपने जीवन की संपूर्णता पाता है। यह भजन प्रेम, भक्ति और समर्पण की भावना से ओतप्रोत है, जो सुनने वाले को भी भावविभोर कर देता है।
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