होवें गुरुमुख होवें प्रेमी लिरिक्स Hove Gurumukh Hove Premi Bhajan Lyrics

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी लिरिक्स Hove Gurumukh Hove Premi Bhajan Lyrics


होवें गुरुमुख होवें प्रेमी लिरिक्स Hove Gurumukh Hove Premi Bhajan Lyrics

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

जिसदां दित्तां खावें पीवें,
उसदीं याद भुलावें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

जिसदें पिछें प्रेमी,
हर वेलें लान्दें बहाने,
ओहनाँ नहियों लाणां तैनूँ,
किसें वीं ठिकानें,
आखर कार तैनूँ छड़ जावणं,
या तू वीं छड़ जावें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

जिसदां दित्तां खावें पीवें,
उसदीं याद भुलावें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

सतगुरु हर वेलें,
तेरे पिछें कष्ट उठावन्दें,
छोड़ अनामी लोक,
धरती उत्तें आ जावन्दें,
लेकिन तू गुमराह हैं इतना,
जरा कदर ना पावें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

जिसदां दित्तां खावें पीवें,
उसदीं याद भुलावें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

सतगुरु हर वेलें,
तेरे नें सच्चे सहाई,
सुखीं रहणं दीं तैनूँ,
ओहनाँ नें युक्ति बताई,
लेकिन तू मनन नहियों करदां,
झाड़ पल्ला तुरं जावें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

जिसदां दित्तां खावें पीवें,
उसदीं याद भुलावें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

दासनदासाँ,
कुल मालिक नूँ ध्या लैं,
रुप ओहनाँ दां,
अखाँ विच तू वसा लैं,
पल विच तेरी चौरासी कट जावें,
रुप ओहनाँ दां बन जावें,
बड़ी फिर बन्दगीं हैं,
बड़ी फिर बन्दगीं हैं।

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

जिसदां दित्तां खावें पीवें,
उसदीं याद भुलावें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।

होवें गुरुमुख होवें प्रेमी,
सत्संग विच ना आवें,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं,
बड़ी शर्मिन्दगीं हैं।


SSDN BHAJAN ।। होवे गुरमुख होवे प्रेमी सत्संग विच न आवे ।। Lyrics in Description।। Punjabi bhajan


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

 
बिनती-भजन कों सेव करें, और शेयर करें,ताकि सभी गुरुमुख भजनों का लाभ लें,महिमा गान कर सकें।


आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url