(मुखड़ा) शत शत वंदन माँ चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम, सारा जग है प्रीत पराई, माँ का चरण सुखधाम, सारा जग है प्रीत पराई, माँ का चरण सुखधाम।।
(अंतरा) कष्ट पड़े जब देवों पे माँ, तूने लाज बचाई, जब जब पाप बढ़े धरती पर, रूप बदलकर आई, अष्टभुजी माँ विंध्यवासिनी, दुर्गा तू ही कहाई, पाप नाशिनी मैया करती, भक्तों के शुभ काम, सारा जग है प्रीत पराई, माँ का चरण सुखधाम।।
शस्त्र को धारण करने वाली, जगदंबा तू महान, सिंह वाहिनी मैया तू, भक्तों की बढ़ाती शान, सब पर सुख बरसा के मैया, करती दया का दान, कष्ट मिटा के दूर करो माँ, काली घटा की शान, सारा जग है प्रीत पराई, माँ का चरण सुखधाम।।
तेरी चरण धूली तो मैया, सोए भाग्य जगाए, तेरी कृपा दृष्टि से अंबे, जीवन में सुख आए, नवदुर्गा नवरूप तेरे, तू शिवशक्ति कहलाए, सुंदर रूप स्वरूपों वाली, सभी जपे तेरा नाम, सारा जग है प्रीत पराई, माँ का चरण सुखधाम।।
(पुनरावृति) शत शत वंदन माँ चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम, सारा जग है प्रीत पराई, माँ का चरण सुखधाम, सारा जग है प्रीत पराई, माँ का चरण सुखधाम।।
सारा जग है प्रीत पराई माँ का चरण सुखधाम...Letest Devi Geet By Dhiraj Kant. 8010788843