
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
श्री कुबेर चालीसा दोहा जैसे अटल हिमालय और, जैसे अडिग सुमेर, ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर, विघ्न हरण मंगल करण, सुनो ...
श्री कुबेर चालीसा दोहा: जैसे अटल हिमालय, और जैसे अडिग सुमेर, ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर, विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणा...
संतोषीमाता चालीसा दोहा बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार, ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार। भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी...
श्री सम्भवनाथ चालीसा भजन भगवान श्री सम्भवनाथ जी जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर थे। भगवान श्री सम्भवनाथ जी का जन्म श्रावस्ती नगरी में हुआ था। भगव...
श्री अजितनाथ चालीसा भगवान श्री अजितनाथ जैन धर्म के द्वितीय तीर्थंकर थे। भगवान श्री अजितनाथ जी का जन्म अयोध्या के राज परिवार में हुआ था। भगवा...
श्री नेमिनाथ चालीसा भजन भगवान श्री नेमिनाथ जी जैन धर्म के बाइसवें तीर्थंकर थे। भगवान श्री नेमिनाथ जी का जन्म सौरीपुर, द्वारिका में हरिवंश कु...
श्री धर्मनाथ चालीसा भगवान श्री धर्मनाथ जी जैन धर्म के पंद्रहवें तीर्थंकर थे। भगवान श्री धर्मनाथ जी का जन्म कार्तिक माह की पूर्णिमा हु...
श्री पद्मपभु भगवान चालीसा भगवान श्री पद्मपभु जी जैन धर्म के छठें तीर्थंकर थे। भगवान श्री पदम प्रभु जी का जन्म कौशांबी नगर के इक्ष्वाकु वंश म...
गायत्री माता चालीसा हिंदू धर्म में गायत्री माता का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। गायत्री माता जी ब्रह्मा जी की शक्ति से निर्मित आद्यशक्ति और ...