भैरव आरती लिरिक्स हिंदी Bhairav Aarti Lyrics

भैरव आरती लिरिक्स हिंदी Bhairav Aarti Lyrics


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जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा,
जय काली और गौरादेवी करत हैं सेवा,
ॐ जय भैरव देवा,
तुम्हीं आप उद्धारक, दुख सिंधु तारक,
भक्तों के सुख कारक, दीपक वसु धारक,
ॐ जय भैरव देवा,
वाहन श्वान विराजत, कर त्रिशूल धारी,
महिमा अमित तुम्हारी, जय जय भयहारी,
ॐ जय भैरव देवा,
तुम बिन देवा पूजन, सफल नहीं होवे,
चतुर्वर्तिका दीपक, दर्शक दुख खोवे,
ॐ जय भैरव देवा,
तेल चटिक दधि मिश्रित, माषाबली तेरी,
कृपा कीजिए भैरव, करिए नहीं देरी,
ॐ जय भैरव देवा,
पांव घूंघरू बाजत, डमरू डमकावत,
बटुकनाथ बन बालक, तन-मन हरषावत,
ॐ जय भैरव देवा,
बटुकनाथ की आरती, जो कोई जन गावे,
कहे धरणीधर, मन वांछित फल पावे,
ॐ जय भैरव देवा,


भैरव आरती लिरिक्स हिंदी Bhairav Aarti Lyrics

जानिये कौन हैं श्री भैरव (About Shri Bhairav ) : श्री भैरव शिव के रूप हैं और ये श्री शिव के पांचवे अवतार माने जाते है। भैरव से तात्पर्य है भय से रक्षा करने वाले देव। श्री शिव का अंश हैं श्री भैरव। ब्रह्म, विष्णु और महेश तीनो की शक्ति निहित है श्री भैरव में। श्री भैरव का रंग श्याम है और इनकी चार भुजाएं हैं। श्री भैरव की उत्पत्ति शिव के रुधिर से हुयी है और ये दो भागों में विभक्त हो गए श्री काल भैरव और बटुक भैरव। पुराणों में भगवान भैरव को असितांग,रुद्र, चंड, क्रोध, उन्मत्त, कपाली, भीषण और संहार नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो सभी भैरव की पूजा करते हैं लेकिन नाथ सम्प्रदाय के लोगों में श्री भैरव की विशेष आस्था है। श्री भैरव को कुल का देवता भी माना जाता है। भैरव देव ही शिव के सेनाध्यक्ष हैं। शिव के अवतार होने के कारन माँ दुर्गा के प्रिय है भैरव।
काल भैरव : काल भैरव की उत्पत्ति मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को प्रदोष काल में हुयी थी।श्री काल भैरव की आराधना से शत्रु से मुक्ति, संकट, कोर्ट-कचहरी के मुकदमों में विजय की प्राप्ति होती है। व्यक्ति में साहस का संचार होता है। समस्त भय और डर से मुक्ति मिलती है । श्री काल भैरव को शंकर का रुद्रावतार माना जाता है।
बटुक भैरव : 'बटुकाख्यस्य देवस्य भैरवस्य महात्मन:। ब्रह्मा विष्णु, महेशाधैर्वन्दित दयानिधे।।'

तात्पर्य है की ब्रह्मा, विष्णु, महेशादि देवों द्वारा वंदित बटुक नाम से प्रसिद्ध इन भैरव देव की उपासना कल्पवृक्ष के समान फलदायी है। श्री बटुक भैरव भगवान का बाल रूप माना जाता है। उक्त सौम्य स्वरूप की आराधना शीघ्र फलदायी है। यह कार्य में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। श्री बटुक भैरव जी के ध्यान हेतु इनके सात्विक, राजस व तामस रूपों का वर्णन अनेक शास्त्रों में मिलता है।

श्री भैरव मंदिर : श्री काल भैरव काप्रसिद्ध मंदिर काशी में स्थापित है। काशी विश्वनाथ जी के मंदिर के पास ही काल भैरव का मंदिर है। उज्जैन में भी काल भैरव का प्रसिद्ध मंदिर है। राजस्थान के जयपुर के चाकसू में बटुक भैरव का मंदिर स्थापित है जो बहुत प्रसिद्ध है। सिवनी (मध्य प्रदेश) जिले के ग्राम अदेगाव में भी श्री काल भैरव का मंदिर है जो किले के अंदर है जिसे गढ़ी ऊपर के नाम से जाना जाता है

भैरव आरती लिरिक्स हिंदी Bhairav Aarti Lyrics
Jay Bhirav Dev, Prabu Jay Bhirav Deva,
Jay Kaali Aur Gauraadevi Karatal Seva,
Jay Bhirav Deva,
Tummi Aapadaarak, Dah Sindhu Taarak,
Bhakt Ke Sukha Kaarak, Dipak Vasu Dhaarak,
Jay Bhirav Deva,
Von Shav Vaaraajat, Kar Trishul Dhaari,
Mahima Amit Tumori, Jay Jay Bhayi,
Jay Bhirav Deva,
Aap Bin Deva Pyujan, Saphal Nahin Hain,
Chaturvarataaka Dipak, Dahaarak Dukh Khove,
Jay Bhirav Deva,

Tel Chatik Dudhit Mishrat, Maandhaabali Teri,
Krshn Kijie Bhirav, Ayila Nirsi,
Jay Bhirav Deva,
Paandas Onharu Bajat, Damaaru Dekavat,
Butukanaath Baan Baalak, Badala-man Harshaavat,
Jay Bhirav Deva,
Battukanaath Ki Aarati, Jo Koi Jun Gaaya,
Hedhidhir, Man Vaanset Phal Paava,
Jay Bhirav Deva,
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