झुमन नाचन के दिन आए नवरात्रि भजन

झुमन नाचन के दिन आए नवरात्रि भजन

 (मुखड़ा)
झुमन-नाचन के दिन आए,
हम सब है मंगल ये गाए,
नवरात्रों के दिन देखो ये,
वापस आए रे,
सिंह सवार हो, आजा मैया,
बेटा बुलाए रे,
घर में तेरी मैया, हम सब,
ज्योत जलाएं रे,
सिंह सवार हो, आजा मैया,
बेटा बुलाए रे।।

(अंतरा)
कष्टों की घड़ी है आई,
थामो आके माँ ये कलाई,
माँ-बेटे का रिश्ता निभा दो,
यूँ ना मुझको तुम भुला दो,
दया की तुम हो मैया मूरत,
आके दिखा दो अपनी सूरत,
तेरा दर्शन पा के मेरा,
मन हर्षाए रे,
सिंह सवार हो, आजा मैया,
बेटा बुलाए रे।।

बच्चे जैसे हैं माँ तेरे,
अपने आँचल में हमें ले ले,
माँ के जैसा नहीं है कोई,
किस्मत मेरी क्यों माँ सोई,
आके मैया मुझे संभालो,
यूँ ना दर से अपने टालो,
कइया मन में मेरा क्यों,
इतना घबराए रे,
सिंह सवार हो, आजा मैया,
बेटा बुलाए रे।।

सुन ले मेरी विनती माँ,
छुपके बैठी तू कहाँ,
राखी के घर की कुलदेवी,
पलभर भी ना कर अब देरी,
चरणों में तेरे चारों धाम,
रखना मैया मेरा मान,
चरणों की रज पाकर मैया,
नाचूं गाऊं रे,
सिंह सवार हो, आजा मैया,
बेटा बुलाए रे।।

(पुनरावृति)
झुमन-नाचन के दिन आए,
हम सब है मंगल ये गाए,
नवरात्रों के दिन देखो ये,
वापस आए रे,
सिंह सवार हो, आजा मैया,
बेटा बुलाए रे,
घर में तेरी मैया, हम सब,
ज्योत जलाएं रे,
सिंह सवार हो, आजा मैया,
बेटा बुलाए रे।।


चैत्र नवरात्रि स्पेशल झुमन नाचन के दिन आए माता रानी का भजन / Mata Rani Ka Bhajan

इस भजन का भाव माता दुर्गा के प्रति गहरी भक्ति, विश्वास और आत्मीयता का एक सुंदर चित्रण है जो सुन्दर शब्दों से बनाया गया है। भजन में भक्त की पुकार है जो नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ के आगमन की प्रतीक्षा में है और कष्टों से मुक्ति पाने की विनती करता है। भक्त माँ को अपने संकटों की सहारा देने वाली, दया की मूरत और अपने आँचल में शरण देने वाली ममतामयी माता के रूप में देखता है। यह भाव माँ-बेटे के अटूट रिश्ते को उजागर करता है, जहाँ भक्त अपनी व्यथा, भय और आशा को माँ के चरणों में समर्पित कर दर्शन, कृपा और शक्ति की कामना करता है।

यह भी जानिये

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नवरात्रि माता रानी का एक पवित्र त्योहार है जो माँ दुर्गा की नौ रूपों की पूजा अर्चना और माता रानी की उपासना के लिए है। यह नौ दिनों तक चलता है, जिसमें प्रत्येक दिन एक अलग रूप की आराधना होती है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है, जैसा कि माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध किया। नवरात्रि में उपवास, भजन, और गरबा-डांडिया जैसे नृत्य शामिल हैं, जो भक्ति और उल्लास को बढ़ाते हैं।

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