कैसा सुन्दर सजा है दरबार भजन लिरिक्स Kaisa Sundar Saja Hai Darbar Ganesh Bhajan Lyrics
कैसा सुन्दर सजा है दरबार भजन लिरिक्स Kaisa Sundar Saja Hai Darbar Ganesh Bhajan Lyrics Hindi
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का,
सारे मिल के करो जयकार,
गणपति बाबा का,
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।
कितनी बार देखा मेरा,
दिल नहीं भरता,
अद्भुत दिव्य श्रृंगार,
गणपति बाबा का,
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।
गणपति बाबा मेरे,
नैनो की ज्योति,
सारे भक्तो के है सरदार,
गणपति बाबा जी,
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।
नित उत्सव नित,
मंगल करते,
सारे भक्तो के रखवार,
गणपति बाबा जी,
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।
भक्तो को निज,
चरणे रखियो,
राजीव नु चरणे लाई रखियो,
करते रहे गुणगान,
गणपति बाबा का,
कैसा सुंदर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।।
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का,
सारे मिल के करो जयकार,
गणपति बाबा का,
कैसा सुंदर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।।
गणपति बाबा का,
सारे मिल के करो जयकार,
गणपति बाबा का,
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।
कितनी बार देखा मेरा,
दिल नहीं भरता,
अद्भुत दिव्य श्रृंगार,
गणपति बाबा का,
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।
गणपति बाबा मेरे,
नैनो की ज्योति,
सारे भक्तो के है सरदार,
गणपति बाबा जी,
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।
नित उत्सव नित,
मंगल करते,
सारे भक्तो के रखवार,
गणपति बाबा जी,
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।
भक्तो को निज,
चरणे रखियो,
राजीव नु चरणे लाई रखियो,
करते रहे गुणगान,
गणपति बाबा का,
कैसा सुंदर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।।
कैसा सुन्दर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का,
सारे मिल के करो जयकार,
गणपति बाबा का,
कैसा सुंदर सजा है दरबार,
गणपति बाबा का।।
कैसा सुंदर सजा है दरबार गणपति बप्पा का शुभम शुक्ला के द्वारा बहुत ही सुंदर भजन
इस भजन में, भक्त भगवान राम से प्रार्थना कर रहा है कि वह उसे हर जन्म में अपने साथ रखें। वह चाहता है कि उसे हर जन्म में भगवान राम की सेवा करने का अवसर मिले। वह भगवान राम के चरण कमलों में रहना चाहता है।
भक्त ने कहा है कि उसने अपने सभी सांसारिक संबंधों को छोड़ दिया है और अब केवल भगवान राम के साथ जुड़ना चाहता है। वह भगवान राम से प्रार्थना करता है कि वह उसकी विनती सुनें और उसे हर जन्म में अपने साथ रखें। भक्त की नैया भंवर में फंसी है और उसे कोई भी खिवैया नहीं है। वह भगवान राम से प्रार्थना करता है कि वह उसकी नैया पार लगाने के लिए माझी बनें। इस भजन का भाव यह है कि भक्त भगवान राम के प्रति अपनी अनन्य भक्ति और समर्पण व्यक्त कर रहा है। वह भगवान राम से प्रार्थना कर रहा है कि वह उसे हमेशा अपने साथ रखें।
भक्त ने कहा है कि उसने अपने सभी सांसारिक संबंधों को छोड़ दिया है और अब केवल भगवान राम के साथ जुड़ना चाहता है। वह भगवान राम से प्रार्थना करता है कि वह उसकी विनती सुनें और उसे हर जन्म में अपने साथ रखें। भक्त की नैया भंवर में फंसी है और उसे कोई भी खिवैया नहीं है। वह भगवान राम से प्रार्थना करता है कि वह उसकी नैया पार लगाने के लिए माझी बनें। इस भजन का भाव यह है कि भक्त भगवान राम के प्रति अपनी अनन्य भक्ति और समर्पण व्यक्त कर रहा है। वह भगवान राम से प्रार्थना कर रहा है कि वह उसे हमेशा अपने साथ रखें।