कोई भक्तों ने पहचान दे मेरे भगवन
कोई भक्तों ने पहचान दे मेरे भगवन बहुत पुराने
कोई भक्तों ने पहचान दे मेरे भगवन बहुत पुराने,
मेरे भगवन बहुत पुराने, मेरे गुरुवर बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
सतयुग में विष्णु बन आए,
कोई नारद ने पहचाने, मेरे भगवन बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
त्रेता में राम बन आए,
कोई हनुमत ने पहचाने, मेरे भगवन बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
द्वापर में कान्हा बन आए,
कोई अर्जुन ने पहचाने, मेरे भगवन बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
कलयुग में खाटू वाले बन आए,
कोई भक्तों ने पहचाने, मेरे भगवन बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
मेरे भगवन बहुत पुराने, मेरे गुरुवर बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
सतयुग में विष्णु बन आए,
कोई नारद ने पहचाने, मेरे भगवन बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
त्रेता में राम बन आए,
कोई हनुमत ने पहचाने, मेरे भगवन बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
द्वापर में कान्हा बन आए,
कोई अर्जुन ने पहचाने, मेरे भगवन बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
कलयुग में खाटू वाले बन आए,
कोई भक्तों ने पहचाने, मेरे भगवन बहुत पुराने,
कोई भक्तों ने पहचान दे.....
EKADASHI SPECIAL ।।KOI HANUMAT NE PEHCHANE MERE BHAGWAN BAHUT PURANE
मन में एक खोज है, उस अनादि प्रभु को पहचानने की, जो युगों-युगों से साथ है। सतयुग में विष्णु बनकर आए, नारद ने जाना उनकी महिमा। त्रेता में राम रूप धरा, हनुमान ने देखा उनका प्रेम।
द्वापर में कान्हा बनकर खेल किया, अर्जुन ने गीता में पाया उनका सत्य। और कलयुग में खाटूवाले श्याम बनकर आए, भक्तों के दिल में बसे। हर युग में वही, वही रूप बदलकर, वही प्रेम बाँटकर। बस, भक्त की आँखें उन्हें देख पाएँ, जैसे दीये की लौ अंधेरे में भी चमके।
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