राम कहानी सुनो रे राम कहानी भजन लिरिक्स Ram Kahani Suno Re Ram Kahani Bhajan Lyrics

राम कहानी सुनो रे राम कहानी लिरिक्स Raam Kahani Suno Lyrics, Raam Kahani Suno Re Raam Kahani

 
 
राम कहानी सुनो रे राम कहानी भजन लिरिक्स Ram Kahani Suno Re Ram Kahani Bhajan Lyrics

राम कहानी सुनो रे राम कहानी,
कहत सुनत आवै,
कहत सुनत आवै,
अखियों में पानी,
राम कहानी सुनो रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।

दशरथ के राज दुलारे,
कौशल्या की आँख के तारे,
वे सूर्यवंश के सूरज,
वे रघुकुल के उजियारे,
राजीव नयन बोले,
राजीव नयन बोले,
मधु भरी बानी,
राम कहानी सुनो रै राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।

शिव धनुष भंग प्रभु करके,
ले आए सीता वर के,
घर त्याग भए वनवासी,
पित की आज्ञा सर धरके,
लखन सिया ले संग,
लखन सिया ले संग,
छोड़ी रजधानी,
राम कहानी सुनो रै राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
​श्री राम जय राम जय जय राम।

खलभेष भिक्षु का धर के,
भिक्षा का आग्रह कर के,
उस जनक सूता सीता को,
छल बल से ले गया हरके,
बड़ा दुख पावे,
बड़ा दुख पावे,
राजा राम जी की रानी,
राम कहानी सुनो रै राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।

श्री राम ने मोहे पठायो,
मैं राम दूत बन आयो,
सीता माँ की सेवा में,
रघुवर को संदेसा लायो,
और संग लायो,
और संग लायो,
प्रभु मुद्रिका निशानी,
राम कहानी सुनो रै राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।

राम कहानी सुनो रे राम कहानी,
कहत सुनत आवै,
कहत सुनत आवै,
अखियों में पानी,
राम कहानी सुनो रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।
राम कहानी सुनो रे राम कहानी,
कहत सुनत आवै,
कहत सुनत आवै,
अखियों में पानी,
राम कहानी सुनो रे राम कहानी,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।


राम कहानी सुनो रे राम कहानी | Ram Kahani Suno Re Ram Kahani

श्री राम की महिमा अलौकिक है। श्री राम कण कण में व्याप्त हैं। हर जगह श्री राम का ही नाम है। श्री राम का जन्म और पूरा जीवन ही धर्म स्थापना के लिए हुआ था। श्री राम ने हर पग पर संघर्ष किया और सभी मर्यादाओं का पालन भी किया। उनका जीवन प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक आदर्श है। श्री राम हैं मर्यादा पुरुषोत्तम।

श्री राम की चारित्रिक विशेषताएं और जीवन आदर्श  सभी के लिए अनुकरणीय है। श्री राम को जीवन ऐसा नहीं मिला था जिसमे सिर्फ राजसी ठाट बाठ हों, उनका जीवन संघर्षों का एक अंतहीन क्रम था। श्री राम ने हर परंपरा का पालन किया और उन्हें १४ वर्ष के लिए वनवास जाना पड़ा। उन्होंने सहर्ष इसे स्वीकार किया। विकट परिस्थितियों में वन में रहना और वहां माता सीता का अपहरण हो जाना, रावण से युद्ध करना,वनवास में बाद माता सीता को पुनः खो देना श्री राम के संघर्ष को दर्शाते हैं। इसके विपरीत आज हम जीवन के छोटे छोटे संघर्षों से हार जाते हैं और दुखड़ा रोते रहते है।

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