सुख के सब साथी दुःख में ना कोई Sukh Ke Sab Sathi Dukh

सुख के सब साथी दुःख में ना कोई लिरिक्स Sukh Ke Sab Sathi Dukh Me Na Koi Lyrics

 
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई Sukh Ke Sab Sathi Dukh

सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई
सुख के सब साथी,
दुःख में ना कोई मेरे राम,
तेरा नाम एक साँचा दूजा ना कोई
जीवन आनी जानी छाया

झूठी माया, झूठी काया
फिर काहे को
सारी उमरियाँ
पाप की गठड़ी ढोई
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई....
ना कुछ तेरा,
ना कुछ मेरा,
ये जग जोगीवाला
फेरा राजा हो या
रंक सभी का
अंत एक सा होई
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई.......

बाहर की तू माटी फाँके,
मन के भीतर क्यों ना झाँके
उजले तन पर मान किया
और मन की मैल ना धोई
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई.....
 

Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi

इस भजन का हिंदी में अर्थ/भावार्थ : इस भजन में, भक्त कहते हैं कि सुख के समय में तो सभी साथ होते हैं, लेकिन दुख के समय में कोई साथ नहीं देता। वे कहते हैं कि जीवन एक छाया है और इस दुनिया की सभी चीजें झूठी हैं। इसलिए, हमें माया में फँसकर पाप की गठड़ी नहीं ढोनी चाहिए। बुरे समय में इश्वर ही अपने भक्तों की मदद करते हैं.

भक्त कहते हैं कि इस संसार में कुछ भी हमारा नहीं है। यह सब एक जोगी वाला फेरा है। राजा हो या रंक, सभी का अंत एक सा ही होता है। जब सभी का अंत एक जैसा ही होना है तो क्यों पाप की गठरी को ढोयें, क्यों बुरे कर्म करके धन का अर्जन करें ? अतः इश्वर के नाम सुमिरन में ही जीवन का उद्देश्य निहित है.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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