आकर देखो श्याम के दर पर भजन

आकर देखो श्याम के दर पर

आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है,
मुंह से तेरे बात ना निकले,
यह पूरी कर जाता है,
आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है,

जिस दिन तूने श्याम के दर पर,
अपना माथा टेक दिया,
तेरी आंख का एक भी आंसू,
सांवरिया ने देख लिया,
दौड़ पड़ेगा लीले चढ़ कर,
ये नहीं देर लगाता है,
आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है,

जो भी तुझको पढ़े जरूरत,
मुख से अपने बोल जरा,
लेकिन इसकी शर्त एक है,
दिल का द्वारा खोल जरा,
तेरी आंख का हर एक आंसू,
यह मोती कर जाता है,
आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है,

भगत तेरा जो हो प्यारा वो,
दुखी कभी नहीं रह सकता,
तेरे दिल का दर्द यह बाबा,
श्याम कभी नहीं सह सकता,
कहे गोपाल कि तेरा मेरा,
जन्म जन्म का नाता है,
आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है,

आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है,
मुंह से तेरे बात ना निकले,
यह पूरी कर जाता है,
आकर देखो श्याम के दर पर,
क्या करतब दिखलाता है।। 

बदल जाएंगे एक्स गोहर में तुम्हारे कभी श्याम के दर पर तुम आकर तो देखो बेस्ट भजन विनोद अग्रवाल

Aakar Dekho Shyaam Ke Dar Par,
Kya Karatab Dikhalaata Hai,
Munh Se Tere Baat Na Nikale,
Yah Pooree Kar Jaata Hai,
Aakar Dekho Shyaam Ke Dar Par,
Kya Karatab Dikhalaata Hai,

श्याम बाबा का दरबार साधक के लिए करुणा और चमत्कार का केंद्र है, जहाँ साँवरिया बिना बोले मन की हर बात पूरी करता है। साधक जैसे ही माथा टेके, उसका एक भी आँसू श्याम की नजर में आता है, और लीलो घोड़े पर सवार वे तुरंत दौड़ पड़ते हैं। दिल का द्वार खोलकर पुकारो, तो हर जरूरत पूरी होती है, आँसू मोतियों में बदल जाते हैं। श्याम अपने प्रिय साधक का दुख सहन न करे, उसका दर्द मिटाने को तत्पर। गोपाल के शब्दों में, साधक और श्याम का नाता जन्म-जन्म का है। यह श्याम भक्ति का आलम है, जहाँ साधक की श्रद्धा और प्रेम साँवरे की कृपा से जीवन को आनंद और शांति से भर देता है।
 
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