महामृत्युंजय मंत्र मन्त्र जाप की सावधानियां Lord Shiva Mantra Mahamritinjuy Mantra Hindi Lyrics
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः। ॐ भूः भुवः स्वः ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।मन्त्र जाप की सावधानियां
उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । ॐ सः जूं हौं।
- महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण पूर्णरूप से शुद्ध हो।
- प्रतिदिन एक निश्चित संख्या में जप करें। पूर्व दिवस में जपे गए मंत्रों से, आगामी दिनों में कममंत्रों का जप न करें। यदि चाहें तो अधिक जप सकते हैं।
- महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण होठों से बाहर नहीं आना चाहिए।
- जब तक महामृत्युंजय मंत्र का जप काल चल रहा हो तब तक धूप-दीप जलते रहना चाहिए।
- महामृत्युंजय मंत्र का जात रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए और माला को गौमुखी में रखना चाहिए। जब तक जप की संख्या पूर्ण न हो, माला को गौमुखी से बाहर न निकालें।
- महामृत्युंजय मंत्र जप काल में शिवजी की प्रतिमा, तस्वीर, शिवलिंग या महामृत्युंजय यंत्र पास में रखना अनिवार्य है।
- महामृत्युंजय के सभी जप कुशा के आसन के ऊपर बैठकर करें।
- महामृत्युंजय मंत्र जाप करते समय दुध मिले जल से भगवान शिवलिंग का अभिषेक करते रहना चाहिए।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप पूर्व दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप जिस स्थान पर शुरू किया है प्रतिदिन उसी जगह पर जाप करना चाहिए।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने समय आलस्य व उबासी न आए इसका ध्यान रखे।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने समय बातें न करें और साथ ही जपकाल में स्त्री सेवन, मांसाहार का सेवन नही करना चाहिए।