बोलो बरसानेवाली की जय भजन
बोलो बरसानेवाली की जय भजन
श्याम प्यारे की जय,
बंसीवारे की जय,
बोलो पीत पटवारे की जय जय,
मेरे प्यारे की जय,
मेरी प्यारी की जय,
गल बाँहें डाले छवि न्यारी की जय,
राधे रानी की जय जय,
महारानी की जय,
नटवारी की जय।
बनवारी की जय
राधे रानी की जय जय
महारानी की जय
बोलो बरसानेवाली की जय जय जय
राधे से रस ऊपजे, रस से रसना गाय ।
अरे कृष्णप्रियाजू लाड़ली, तुम मो पे रहियो सहाय ॥
राधे रानी की जय जय
महारानी की जय
वृष्भानु दुलारी की जय जय जय
बोलो कीरथि प्यारी की जय जय जय ??
बोलो बरसानेवाली की जय जय जय
मेरे प्यारे की जय
मेरी प्यारी की जय
नटवारी की जय
बनवारी की जय
गलबाँहें डाले छवि न्यारी की जय
वृन्दावन के वृक्ष को मरम न जाने कोय ।
जहाँ डाल डाल और पात पे श्री राधे राधे होय ॥
राधे रानी की जय जय
महारानी की जय
बोलो बरसानेवाली की जय जय जय
एक चंचल एक भोली भाली की जय
राधे रानी की जय जय
महारानी की जय
वृन्दावन बानिक बन्यो जहाँ भ्रमर करत गुंजार ।
अरी दुल्हिन प्यारी राधिका, अरे दूल्हा नन्दकुमार ॥
राधे रानी की जय जय
महारानी की जय
नटवारी की जय
बनवारी की जय
एक चंचल एक भोली भाली की जय
वृन्दावन से वन नहीं, नन्दगाँव सो गाँव ।
बन्सीवट सो वट नहीं, कृष्ण नाम सो नाम ॥
बन्सीवारे की जय
बन्सीवारे की जय
बोलो पीतपटवारे की जय जय जय
राधे रानी की जय जय
महारानी की जय
राधे मेरी स्वामिनी मैं राधे की दास,
जनम जनम मोहे दीजियो श्री वृन्दावन वास,
सब द्वारन को छाँड़ि के, अरे आयी तेरे द्वार,
वृषभभानु की लाड़ली, तू मेरी ओर निहार,
राधे रानी की जय जय
महारानी की जय
जय हो,
बोलो वृन्दावन की जय ।
अलबेली सरकार की जय ।
बोलो श्री वृन्दावन बिहारी लाल की जय ॥
बोलो बरसाने वाली की जय || Karunamayi Shyama Pyari || Bhaiya Kishan Das Ji ||Vipul Music
Shyam Pyaare Ki Jay,
Bansivaare Ki Jay,
Bolo Pit Patavaare Ki Jay Jay,
Mere Pyaare Ki Jay,
Meri Pyaari Ki Jay,
राधा रानी और श्याम का जयघोष वृंदावन की हर गली, हर पात, हर डाल में गूँजता है। बरसाने की लाड़ली, वृषभानु की दुलारी, और नंदकुमार की प्यारी—राधा-कृष्ण की गलबाँहें डाले छवि मन को मोह लेती है। राधा के रस से रसना गाती है, और श्याम की बंसी हर भक्त को उनके प्रेम में डुबो देती है।
वृंदावन वह पावन धाम है, जहाँ भ्रमर गुंजार करते हैं, राधा दुल्हन और कृष्ण दूल्हा बन रास रचाते हैं। बंसीवट कोई साधारण वट नहीं, वह प्रेम का प्रतीक है, और कृष्ण का नाम ही सच्चा नाम है। राधा स्वामिनी हैं, भक्त उनका दास, जो जनम-जनम वृंदावन का वास माँगता है। उनकी एक नजर, एक कृपा, सारे द्वार छुड़ाकर भक्त को उनके द्वार ले आती है। राधा-श्याम की जय बोलो, उनके प्रेम में डूब जाओ, यही जीवन का सच्चा रस है।