भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी

भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी

 
भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी

(मुखड़ा)
भोला, भांग तुम्हारी —
मैं घोटत-घोटत हारी,
हमसे ना घोटी जाए,
तेरी एक दिना की होए तो घोटूं,
रोज़ ना घोटी जाए।
बम भोला बम भोला बम भोला,
बम भोला बम भोला बम भोला।

(1)
भोले तो अलमस्त हैं,
पीएं धतूरा-भांग,
गले में शोभे कालिया,
जटा में शोभे गंग।
गंग-भांग दो बहन हैं,
जो रहें उमा के संग,
जिंदा तारण भांग है,
मुर्दा तारण गंग।
बम भोला बम भोला बम भोला...

(2)
जिस दिन से मैं ब्याह के आई,
भाग हमारे फूटे,
राम करे ऐसा हो जाए,
ये सिलबट्टा टूटे।
ये रोज़-रोज़ की रगड़-झगड़,
हमसे तो सही ना जाए,
तेरी एक दिना की होए तो घोटूं,
रोज़ ना घोटी जाए।
बम भोला बम भोला बम भोला...

(3)
नाज़ुक तन है, नाज़ से पाला,
कैसे कहूं कसाले,
घोटत-घोटत भांग तुम्हारी,
हाथ में पड़ गए छाले।
मैं मायके को जाऊं तो स्वामी,
अक़्ल ठिकाने आए,
तेरी एक दिना की होए तो घोटूं,
रोज़ ना घोटी जाए।
बम भोला बम भोला बम भोला...

(4)
भोलेनाथ पार्वती से बोले,
सुन गणपति की महतारी,
तुम घोंटो भांग हमारी,
बिन भांग रहा नहीं जाए,
गौरा तुमको छोड़ दूं लेकिन,
भांग ना छोड़ी जाए।
सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा,
सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा।

(5)
भांग नहीं भगवती है ये,
घट-घट में रहने वाली,
इसे पीकर ऋषि-मुनि-नारद,
निशदिन ध्यान लगाएं।
गौरा तुमको छोड़ दूं लेकिन,
भांग ना छोड़ी जाए।
बम भोला बम भोला बम भोला...


भोला भांग तुम्हारी में घोटत-घोटत हरी | Bhola bhang tumharai ma ghotat-ghotat harai | New Album 2017

भोलेनाथ का भांग-प्रेम और उनका अलमस्त स्वभाव मन को मोह लेता है। गले में कालिया, जटाओं में गंगा, और उमा के संग धतूरा-भांग—यह उनका अनोखा रूप है, जो सांसारिक बंधनों से परे है। भांग को घोटते-घोटते भक्त थक जाए, पर भोला का प्रेम थकता नहीं। यह भांग केवल पदार्थ नहीं, भगवती है, जो हृदय में ध्यान और आनंद जगाती है।

गौरा से भोले की हल्की नोक-झोंक और भक्त की पुकार में जीवन की सादगी झलकती है। जैसे सिलबट्टे की रगड़ से छाले पड़ते हैं, वैसे ही संसार की जिम्मेदारियाँ मन को थकाती हैं। पर भोले कहते हैं, मेरे भांग-रूपी प्रेम में डूबो, सब दुख दूर हो जाएंगे। ऋषि-मुनि भी इस भक्ति में लीन होकर परम सत्य पाते हैं।

संत कहते हैं, भोले की भक्ति में सरलता है, जो मन को मुक्त करती है। चिंतक देखता है, यह भांग जीवन की माया से ऊपर उठने का प्रतीक है। धर्मगुरु सिखाते हैं, भोलेनाथ के चरणों में लीन हो, उनकी भक्ति में ही सच्चा सुख है।

बम भोला, बस एक दिन की भांग घोट लें, रोज़ की रगड़ से तो मन मुक्त हो, और गौरा के संग भोले की लीला में रम जाए। You will find here of the Devotional music like: Bhajans, Aarti's, Mantras, Meditation Chants, Jaap, Shlokas, Amritwani and Kirtan's.

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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