भोली सी सुरत माथे पे चंदा लिरिक्स Bholi Si Surat Mathe Pe Chanda Lyrics

भोली सी सुरत माथे पे चंदा लिरिक्स Bholi Si Surat Mathe Pe Chanda Lyrics Shiv Bhajan by Mukesh Kumar Meena

भोली सी सुरत, माथेपे चंदा,
देखो चमकता जाए,
सदा समाधि में है मगन, कहीं,
भोला नजर ना आए,
जब भक्तो को पडे जरुरत,
खुद को रोक ना पाए।

सागर मंथन के अवसर पर ,
शिवजी विष पी जाए,
पीकर विष की गगरी,
भोला नीलकंठ कहलाये,
कोई भी मांगे बुंद तो,
ये सारा सागर दिखलाए,
शिव की लीला बडी अलग है,
कोई समझ ना पाए।
भोली सी सुरत, माथेपे चंदा
देखो चमकता जाए
सदा समाधि में मगन, कही
भोला नजर ना आए
जब भक्तोको को पड़े ज़रूरत,
खुद को रोक ना पाए।

शिव अकाम गुण के है,
धाम शिव का ही नाम संयम
शिवलीला तो है अगाध,
तोडे करमो का बंधन,
शिव शक्ति से अलग नहीं है,
संसार का कण कण
शिव का नाम लिए मन में,
चलता हूँ मै तो हरदम,
भोलीसी सुरत, माथेपे चंदा,
देखो चमकता जाए,
सदा समाधि में मगन, कही,
भोला नजर ना आए,
जब भक्तोको को पडे जरुरत
खुद को रोक ना पाए।

फिल्मी धुन में भोले का शानदार भजन " भोली सी सूरत |@Mukesh_Kumar_Meena_Bhajan
भोली सी सुरत माथे पे चंदा लिरिक्स Bholi Si Surat Mathe Pe Chanda Lyrics
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