हारिये ना हिम्मत बिसारिये न राम
हारिये ना हिम्मत बिसारिये न राम,
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम।
दीपक ले के हाथ में सतगुरु राह दिखाये .
पर मन मूरख बावरा आप अँधेरे जाए,
हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम,
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम।
पाप पुण्य और भले बुरे की वो ही करतातोल,
ये सौदे नहीं जगत हाट के तू क्या जाने मोल,
हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम,
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम।
जैसा जिस का काम पाता वैसे दाम,
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम,
हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम,
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम।
Hariye Na Himmat Bisariye Na Ram - Pinakin Shah - AZAD - Leela Chitnis, Ashok Kumar, Hansa Wadkar
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नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार
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गुरु बिन कैसे लागे पार
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Author - Saroj Jangir
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