
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
राधा रानी ने हाथ गुलाल लियो,
रंग लाल लियो,
राधारानी ने हाथ गुलाल लियो,
रंग लाल लियो।
हाथ लिए रंग की पिचकारी,
होरी खेल रयो बनवारी,
बरसाने की होली प्रेम और भक्ति से भरी होती है। श्रीकृष्ण अपने सखाओं के संग रंगों से सराबोर होकर राधारानी और उनकी सखियों के पास जाते हैं। सखियां उन्हें देख मुस्कुराती हैं और राधारानी शरारत से गुलाल उड़ाती हैं। कान्हा भी पीछे नहीं रहते वे भी प्रेम भरे रंगों से राधा को रंग देते हैं। रंग, हंसी और मस्ती से पूरा वातावरण आनंदमय हो उठता है। गोकुल और बरसाने में हम इस अद्भुत होली का आनंद लेते हैं। यह रंगों के साथ साथ प्रेम और भक्ति का अनोखा संगम है। जय श्री राधे।