साई देव दया कर दीनो लिरिक्स साईं भजन

शिरडी के साईं बाबा हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्तों द्वारा आत्म-साक्षात्कार और पूर्णता के अवतार के रूप में साई को स्वीकारते हैं। भले ही साईं बाबा ने अपने व्यक्तिगत व्यवहार में मुस्लिम प्रार्थनाओं और प्रथाओं का पालन किया, लेकिन वे खुले तौर पर किसी भी धर्म के कट्टरपंथी व्यवहार से घृणा करते थे। इसके बजाय, प्रेम और न्याय के संदेशों के माध्यम से, वह मानव जाति के जागरण में विश्वास करते थे।
 
साई देव दया कर दीनो लिरिक्स साईं भजन

साई देव दया कर दीनो कर दीनो तुम महराज साईं भजन Saai Dev Daya Kar Deeno

साई देव दया कर दीनो कर दीनो तुम महराज,
बुद्धि हीन इस पतित को कर दीनो भव से पार,
साई देव दया कर दीनो हम आये तेरे द्वार,

मन मंदिर में तोहे बसाऊं प्रेम प्रीत की पुष्प चढ़ाऊँ,
स्वास स्वास में तोहे ध्याऊँ,
चलती चाकी देख के दिया कभी न रोये,
दो बाटन के बीच में साबुत बचा ना कोई,
चाकी चाकी सब कहे कीली कहे न कोई,
जो कीली से लागे रहे बांका बाल न बांका होय,
मन मंदिर में तोहे बसाऊं प्रेम प्रीत की पुष्प चढ़ाऊँ,
बिना जपे मैं रह नहीं पाउ कर लेना अपना दास,
साई देव दया कर दीनो कर दीनो तुम महराज
 

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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