साई देव दया कर दीनो साईं भजन
साई देव दया कर दीनो साईं भजन
बुद्धि हीन इस पतित को कर दीनो भव से पार,
साई देव दया कर दीनो हम आये तेरे द्वार,
मन मंदिर में तोहे बसाऊं प्रेम प्रीत की पुष्प चढ़ाऊँ,
स्वास स्वास में तोहे ध्याऊँ,
चलती चाकी देख के दिया कभी न रोये,
दो बाटन के बीच में साबुत बचा ना कोई,
चाकी चाकी सब कहे कीली कहे न कोई,
जो कीली से लागे रहे बांका बाल न बांका होय,
मन मंदिर में तोहे बसाऊं प्रेम प्रीत की पुष्प चढ़ाऊँ,
बिना जपे मैं रह नहीं पाउ कर लेना अपना दास,
साई देव दया कर दीनो कर दीनो तुम महराज
साई बाबा दया करो | Sai Baba Daya Karo | साई बाबा भजन | Preeti Sagar |
साई की शरण में आकर मन कृतार्थ हो उठता है, जैसे प्यासा जल पाकर तृप्त हो जाए। उनकी कृपा माँगता हूँ, ताकि ये पतित मन संसार के बंधनों से मुक्त हो। मन के मंदिर में उन्हें बसाना चाहता हूँ, प्रेम के फूल चढ़ाकर, हर साँस में उनका नाम जपना चाहता हूँ। जैसे चक्की के पाटों में सब पिसता है, वैसे ही दुनिया की माया में कोई साबुत नहीं बचता। पर जो साई की कीली से जुड़ा रहे, उसका बाल भी बाँका नहीं होता—वो उनकी छाँव में सुरक्षित रहता है। बिना उनके नाम के जीना मुश्किल है; बस यही अरज है कि मुझे अपना दास बना लें। साई की दया ही भवसागर पार कराएगी।
Song Sai Baba Daya Karo
Album Sai Baba Bhajans - Preeti Sagar
Artist Preeti Sagar
Music Director Ashok Patki
Lyricist Bhawani Prasad Shukla
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Author - Saroj Jangir
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