हरि सिमरण को तूने रखा, कौन सा वक्त, ओ बंदे? राम जपने को तूने रखा, कौन सा वक्त, ओ बंदे? काम कभी खत्म नहीं होंगे, तू कभी भी नहीं होगा खाली, हरि सिमरण को तूने रखा, कौन सा वक्त, ओ बंदे?
पहली अवस्था – तूने बचपन खेल-कूद में गवाया, बंदे, खेल खेलता रहा, कभी खाली नहीं रहा, ओ बंदे। हरि सिमरण को तूने रखा, कौन सा वक्त, ओ बंदे?
दूसरी अवस्था – जब तुझे जवानी मिली, बंदे, मस्ती में चढ़ गया, पर समय को नहीं देखा, ओ बंदे।
हरि सिमरण को तूने रखा, कौन सा वक्त, ओ बंदे?
तीसरी अवस्था – तेरे बच्चों ने तेरी बुद्धि पर पर्दा डाल दिया, बंदे, काम खत्म नहीं होते, और वक्त हाथ नहीं आता, ओ बंदे। हरि सिमरण को तूने रखा, कौन सा वक्त, ओ बंदे?
चौथी अवस्था – तेरा अंग-अंग दर्द से भर गया, बंदे, बेटे-बेटियां, आज कोई भी आंगन में नहीं आता, ओ बंदे। हरि सिमरण को तूने रखा, कौन सा वक्त, ओ बंदे?
पांचवीं अवस्था – तुझे यमराज का बुलावा आ गया, बंदे, कहानी खत्म हो गई, और समय पूरा हो गया, ओ बंदे। हरि सिमरण को तूने रखा, कौन सा वक्त, ओ बंदे?
devotional Bhajan Lyrics in Hindi
Hari Simran Nu Tu Rakheya Keda Vela
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