तेरा मेरा साई जन्मो का नाता

तेरा मेरा साई जन्मो का नाता

शिरडी के साईं बाबा भारत की समृद्ध संत परंपरा में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। उनकी अधिकांश उत्पत्ति और जीवन अज्ञात है, लेकिन वह हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्तों द्वारा आत्म-साक्षात्कार और पूर्णता के अवतार के रूप में साई को स्वीकारते हैं। भले ही साईं बाबा ने अपने व्यक्तिगत व्यवहार में मुस्लिम प्रार्थनाओं और प्रथाओं का पालन किया, लेकिन वे खुले तौर पर किसी भी धर्म के कट्टरपंथी व्यवहार से घृणा करते थे। इसके बजाय, प्रेम और न्याय के संदेशों के माध्यम से, वह मानव जाति के जागरण में विश्वास करते थे।

बाबा ने रूढ़िवादी, हिंदू, ईसाई और मुसलमानों का पूरी तरह से विरोध किया। एक साधारण जीवन जीने के लिए, बाबा ने अपने भक्तों को प्रेरित किया । उसने अपने अनुयायियों से पवित्र शब्दों के देवता के नाम का जाप करने के लिए कहा और अपने भक्तों से उनकी पवित्र पुस्तकों को पढ़ने के लिए कहा। उन्होंने सभी हिंदू रीति-रिवाजों से परहेज किया और त्योहार के समय मुसलमानों को नमाज का पालन करने की अनुमति दी।

तेरा मेरा साई जन्मो का नाता,
भूल न जाना मुझे,
आये शरण में तेरे ओ बाबा न ठुकराना मुझे,
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई ॐ साई राम,

ध्यान तेरा करके ओ बाबा मंदिर में तुम को बिठाया,
इतने दुखो के बीच में साई तुझको कभी भी न बिसराया,
तुझसे बिछड़ के रहना पड़े वो दिन न दिखाना मुझे,
आये शरण में तेरे ओ बाबा न ठुकराना मुझे,
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई ॐ साई राम,

बरसो बरस निर्धन रह कर भी साई तेरे दीप जलाये,
इस जीवन की तकलीफो से हार गये हम जीत न पाए,
बहुत रुलाया अपनों ने साई तुम न रुलाना मुझे,
आये शरण में तेरे ओ बाबा न ठुकराना मुझे,
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई ॐ साई राम,

जीवन भर सुख दुःख में ओ साई बन कर रहे मेरी परछाई,
सांसो की डोरी टूट रही है अब तो करिश्मा करदो साई,
सोच लो वरना ताने देगा सारा ज़माना मुझे,
आये शरण में तेरे ओ बाबा न ठुकराना मुझे,
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई ॐ साई राम
 

तेरा मेरा साई जन्मो का नाता | साईबाबा भजन | Tera Mera Sai Janmo Ka Nata | Sai Baba Bhajan

Tera Mera Saee Janmo Ka Naata,
Bhool Na Jaana Mujhe,
Aaye Sharan Mein Tere O Baaba Na Thukaraana Mujhe,
Om Saee Raam Om Saee Raam Om Saee Om Saee Raam,

Singer : Vinita Paul
Music : Samuel Paul
Lyrics : Devendra Rana
Music Label: Wings Music
 
साई के प्रति यह अटूट विश्वास और समर्पण का भाव है, जो हर पंक्ति में झलकता है। मन कहता है कि साई के साथ जन्मों का बंधन है, जैसे कोई पुराना साथी जो कभी न छूटे। शरण में आने वाला दिल यह याचना करता है कि चाहे कुछ भी हो, वह ठुकराया न जाए। जैसे कोई बच्चा माँ की गोद में सिर रखकर कहे, "मुझे कभी दूर न करना।"

साई का ध्यान ही जीवन का आधार बन जाता है। दुखों की घनी छाया में भी, जैसे कोई दीया हवा में टिमटिमाता रहे, वैसे ही साई का नाम जपता रहता है। वह मन जो दुखों से घिरा हो, फिर भी साई को कभी नहीं भूलता। एक बार सोचिए, कोई कितना अकेला हो, पर अपने विश्वास को थामे रखे—यही साई के प्रति श्रद्धा है। वह प्रार्थना करता है कि बिछड़ने का दर्द न देना, क्योंकि साई ही उसका एकमात्र सहारा है।

जीवन की कठिनाइयाँ, गरीबी, और अपनों का दर्द—सब कुछ झेलते हुए भी साई के लिए दीप जलाए जाते हैं। यह ऐसा है जैसे कोई थका-हारा यात्री रात में एक तारे को देखकर चलता रहे। पर अब वह कहता है, "साई, अपनों ने तो बहुत रुलाया, तुम न रुलाना।" यह विश्वास है कि साई का हाथ हमेशा सिर पर रहेगा।
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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