अंबे तू है जगदम्बे काली जय दुरगे खप्पर वाली Shri Durga Aarti Ambe Lyrics

देवी अम्बिका, जिसे दुर्गा माँ और अम्बे माँ के रूप में भी पूजा जाता है, देवी देवताओं में से एक हैं जिन्हें भारत में कई धर्म पूजा करते हैं और स्वीकार करते हैं। अंबा माता को पश्चिम बंगाल में दुर्गा मां के रूप में जाना जाता है। जिसे अम्बा माँ, बहूचर माँ, कालिका माँ, माँ भद्रकाली, माँ भवानी और कई अन्य नामों से भी जाना जाता है।
अम्बे माता की पूजा से आपको शांति मिलती है और आपकी प्रकृति प्राकृतिक बन जाती है। माताजी ऊर्जा के आकार की हैं। वह ऊर्जा (अवतार) का अवतार है, इसलिए जब मन और शरीर की ऊर्जा (एकग्रता) की वाणी में समाहित होती है, तो उस ऊर्जा को प्राप्त किया जा सकता है। देवी शक्ति ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च ब्रह्मांडीय शक्ति या आदि शक्ति का अवतार है और बुराई का नाश करती है। देवी हर तरफ हथियारों के साथ प्रकाश के एक चक्र के रूप में उभरती हैं और उन्हें महिषासुर मर्दिनी के रूप में भी पूजा जाता है। अंबाजी की शरण में आने वाले भक्त भी अंबाजी के रूप में अवतार लिए हुए दिव्य लौकिक शक्ति की पूजा करते हैं।

अंबे तू है जगदम्बे काली जय दुरगे खप्पर वाली Shri Durga Aarti Ambe Lyrics

अंबे तू है जगदम्बे काली जय दुरगे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावे भारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती,
तेरे भक्त जनों पर माता भीर पारी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी,
तेरे भक्त जनों पर माता भीर पारी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी,
सो सो सिंघो सी तू बलसाली है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती,
सो सो सिंघो सी तू बलसाली है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती,
मा बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता,
मा बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता,
सब पे करुणा वर्साने वाली अमृत वर्साने वाली,
दुखियो के दुखरे निवार्ती,
सब पे करुणा वर्साने वाली अमृत वर्साने वाली,
दुखियो के दुखरे निवार्ती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती,
नही माँगते धन और दौलत ना चाँदी ना सोना,
हम तो माँगे मा तेरे चर्नो में एक छोटा सा कोना,
नही माँगते धन और दौलत ना चाँदी ना सोना,
हम तो माँगे मा तेरे चर्नो में एक छोटा सा कोना,
सब की बिग्री बनाना वाली लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती,
सब की बिग्री बनाना वाली लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती,
अंबे तू है जगदम्बे काली जय दुरगे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावे भारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
 

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