श्री अन्नपूर्णा देवी जी की आरती
Annapurna is a combination of two words-' Anna' which means food and' purna' which means' full filled.' Annapurna is the food and cooking goddess. She is Goddess Parvati's avatar who is Lord Shiva's wife. She is the nutritional goddess and never allows her devotees to stay without food. She is also regarded in Uttar Pradesh as Kashi's goddess. Kashi or Varanasi is called the city of light as the goddess not only provides nourishment to the body, but in the form of enlightenment provides nourishment to the soul. She gives us the energy to learn.
श्री अन्नपूर्णा देवी जी की आरती
बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अमिबके,कहां उसे विश्राम |
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,लेत होत सब काम ||
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,कालान्तर तक नाम |
सुर सुरों की रचना करती,कहाँ कृष्ण कहं राम ||
चूमहि चरण चतुर चतुरानन,चारू चक्रधर श्याम |
चन्द्र चूड़ चन्द्रानन चाकर,शोभा लखहि ललाम ||
देवी देव | दयनीय दशा में,दया दया तब जाम |
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,शरणरूप तब धाम ||
श्री ह्रीं श्रद्धा भी ऐ विधा,श्री कलीं कमला काम |
कानित भ्रांतिमयी कांतिशांति,सयीवर दे तू निष्काम ||
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,
कहां उसे विश्राम ।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,
लेत होत सब काम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,
कालान्तर तक नाम ।
सुर सुरों की रचना करती,
कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
चूमहि चरण चतुर चतुरानन,
चारु चक्रधर श्याम ।
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर,
शोभा लखहि ललाम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम
देवि देव… दयनीय दशा में,
दया-दया तब नाम ।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,
शरण रूप तब धाम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या,
श्री क्लीं कमला काम ।
कांति, भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी,
वर दे तू निष्काम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।