बीत गये दिन भजन बिना रे । भजन बिना रे भजन बिना रे ॥
बाल अवस्था खेल गवांयो । जब यौवन तब मान घना रे ॥
लाहे कारण मूल गवाँयो । अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे ॥
कहत कबीर सुनो भई साधो । पार उतर गये संत जना रे ॥ पार उतर गये संत जना रे ॥ बीत गये दिन भजन बिना रे । भजन बिना रे भजन बिना रे ॥
बाल अवस्था खेल गवांयो ।
Ram Bhajan Lyrics in Hindi RaamBhajanLyrics
जब यौवन तब मान घना रे ॥
लाहे कारण मूल गवाँयो । अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे ॥
कहत कबीर सुनो भई साधो । पार उतर गये संत जना रे ॥ पार उतर गये संत जना रे ॥
कन्हैया लाल शर्मा भजन ::: बीत गए दिन भजन बिना
कबीर की यह वाणी मन को जागृत करती है कि भजन के बिना जीवन के दिन व्यर्थ बीत जाते हैं। बचपन खेलों में, यौवन अहंकार में, और सारा जीवन लोभ व तृष्णा में खोकर मनुष्य अपने मूल—प्रभु भक्ति—को गँवा देता है। फिर भी, मन की चाह कभी खत्म नहीं होती। कबीर कहते हैं कि साधो, संतों ने भजन के बल पर भवसागर पार कर लिया, पर जो भक्ति से दूर रहे, उनके दिन खाली ही बीते। यह सिखाता है कि सच्चा सुख और मुक्ति केवल प्रभु के भजन और स्मरण में है। समय न गँवाकर, भक्ति की राह पकड़ो, ताकि जीवन सार्थक हो और आत्मा पार उतरे। यह भक्ति का रस है, जो मन को माया से हटाकर प्रभु की ओर मोड़ता है।
Beet Gaye Din Bhajan Bina Re . Bhajan Bina Re Bhajan Bina Re . Baal Avastha Khel Gavaanyo . Jab Yauvan Tab Maan Ghana Re . Laahe Kaaran Mool Gavaanyo . Ajahun Na Gayee Man Kee Trshna Re . Kahat Kabeer Suno Bhee Saadho .