भादो मजा ना देगा सावन मजा ना देगा
भादो मजा ना देगा सावन मजा ना देगा भजन
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा,
तेरे बगैर बाबा,
तेरे बगैर बाबा,
फागण मजा ना देगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।।
ये पुरे बारह महीने,
हम टकटकी लगाए,
कब आएगा ये फागण,
उंगली पे गिनते जाए,
मिलने का इससे अच्छा,
मिलने का इससे अच्छा,
मौका कहाँ मिलेगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।
खाटू को छोड़ बाबा,
फागण कहाँ बिताएं,
मेले में तुमसे मिलके,
इस दिल को चैन आए,
तेरे बिना ये मेला,
तेरे बिना ये मेला,
मेले सा ना लगेगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा,
तेरे बगैर बाबा,
तेरे बगैर बाबा,
फागन मजा ना देगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।
सावन मजा ना देगा,
तेरे बगैर बाबा,
तेरे बगैर बाबा,
फागण मजा ना देगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।।
ये पुरे बारह महीने,
हम टकटकी लगाए,
कब आएगा ये फागण,
उंगली पे गिनते जाए,
मिलने का इससे अच्छा,
मिलने का इससे अच्छा,
मौका कहाँ मिलेगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।
खाटू को छोड़ बाबा,
फागण कहाँ बिताएं,
मेले में तुमसे मिलके,
इस दिल को चैन आए,
तेरे बिना ये मेला,
तेरे बिना ये मेला,
मेले सा ना लगेगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा,
तेरे बगैर बाबा,
तेरे बगैर बाबा,
फागन मजा ना देगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।
Fagun Anthem - Tere Bagair Baba Fagun Maza Na Dega | Raj Pareek | भादो मज़ा न देगा, सावन मज़ा ना देगा
सुंदर भजन में श्रीकृष्णजी के प्रति ऐसी दीवानगी है, जो खाटू के फागण मेले को जीवन का सबसे अनमोल पल बताती है। यह भाव है कि बिना सांवरे के न भादो, न सावन, न कोई और महीना मजा देता है। फागण का मेला ही वह समय है, जब मन उनके दर्शन की आस में तड़पता है, जैसे कोई प्रिय की एक झलक के लिए बेताब हो।
सारा साल मन टकटकी लगाए फागण का इंतजार करता है, उंगलियों पर दिन गिनता है। यह पुकार है कि श्रीकृष्णजी से मिलने का इससे बेहतर मौका और कहां मिलेगा। खाटू के मेले में उनके दर्शन से मन को ऐसा चैन मिलता है, जैसे कोई प्यासा ठंडे पानी की बूंद पा ले।
बिना सांवरे के मेला भी सूना लगता है। यह विश्वास है कि खाटू में उनकी मौजूदगी ही हर रंग, हर उमंग को जीवंत बनाती है। जैसे मीराबाई उनके प्रेम में हर पल डूबी रहती थीं, वैसे ही यह मन भी फागण के मेले में सांवरे के साथ खो जाना चाहता है, क्योंकि उनके बिना कोई मौसम, कोई मेला अधूरा है।
सारा साल मन टकटकी लगाए फागण का इंतजार करता है, उंगलियों पर दिन गिनता है। यह पुकार है कि श्रीकृष्णजी से मिलने का इससे बेहतर मौका और कहां मिलेगा। खाटू के मेले में उनके दर्शन से मन को ऐसा चैन मिलता है, जैसे कोई प्यासा ठंडे पानी की बूंद पा ले।
बिना सांवरे के मेला भी सूना लगता है। यह विश्वास है कि खाटू में उनकी मौजूदगी ही हर रंग, हर उमंग को जीवंत बनाती है। जैसे मीराबाई उनके प्रेम में हर पल डूबी रहती थीं, वैसे ही यह मन भी फागण के मेले में सांवरे के साथ खो जाना चाहता है, क्योंकि उनके बिना कोई मौसम, कोई मेला अधूरा है।
Song: Tere Bagair Baba Fagun Maza Na Dega
Singer & Writer : Raj Pareek
Music: Shashikant Choubey
Video: Deepak Creations
Category: Hindi Devotional ( Shyam Bhajan)
Singer & Writer : Raj Pareek
Music: Shashikant Choubey
Video: Deepak Creations
Category: Hindi Devotional ( Shyam Bhajan)
यह भजन भी देखिये