बंसी-बट के बीच कन्हैया खड़े चरावें गाएँ, मोर-मुकुट सिर ऊपर सोहे, गल वैजंती माल अधर सोहे हरे हरे अघर पे लागी मुरली ||
krishana bhajan lyrics Hindi
दहि बेचें सुघड़ ब्रजनार।
कान्हा को लख कहे गुजरिया, देखन में तो नीक भले घरन का लागे फिर भी, काम करे क्यों नीच दही की माँगे हरे हरे दही की क्यों माँगे तू भीख, दहि बेचें सुघड़ ब्रजनार।
भीख तो माँगूँ प्रेम की तेरे, मत कर पाँच और तीन, अपने दहि का भोग लगा दे, नहीं तो लूँगा मैं छीन बखेरूँ यहीं हरे हरे बखेरूँ तेरी सारी गगरी, दहि बेचें सुघड़ ब्रजनार।
छीना-झपटी मत कर
कान्हा, फाटे मेरा चीर, मैं चन्द्रावल गूजरी कहिए तेरी तो जात अहीर के तेरी-मेरी हरे हरे के तेरी-मेरी नाहीं बने, दहि बेचें सुघड़ ब्रजनार।
दूध-दही का दान जो लूँगा, दूँगा तुझको ज्ञान, मैं हूँ पुरुष और तू है प्रकृति, सोच जरा धर ध्यान, दिखेंगे तुझे हरे हरे दिखेंगे तुझे हरी गुजरी, दहि बेचें सुघड़ ब्रजनार।
चन्द्र सखी लख रास रचैया, बार-बार बलिहार, मथुरा जी में जनम लिया, और नाचें ब्रज के मँझार, धन्य हुए हरे हरे, धन्य हुए ग्वाल गुजरी, दहि बेचें सुघड़ ब्रजनार।
शब्दार्थ : दध = दही, धेनु = गाय, दुलरी = दो लड़ वाली माला , गज-मोती = पारदर्शी अंदर से सुनहरी छोटे-छोटे मोती, नीक = भला, अच्छा .
भक्तों के हर दुःख दर्द दूर करते हैं श्री खाटू श्याम जी :
श्री श्याम बाबा को खाटू नरेश भी कहा जाता है और अपने भक्तों के हर दुःख
दर्द दूर करते हैं। श्री श्याम बाबा सीकर जिले के खाटू नगर में विराजमान
है। श्री खाटू श्याम बाबा को श्री कृष्ण जी से आशीर्वाद प्राप्त था की वे
कलयुग में कृष्ण जी के अवतार के रूप में पूजे जाएंगे और इनकी शरण में आने
वाले की हर पीड़ा को स्वंय भगवान् श्री कृष्ण हर लेंगे। श्री खाटू श्याम जी
के मुख मंदिर के अलावा दर्शनीय स्थलों में श्री श्याम कुंड और श्याम बगीची
भी हैं जो मंदिर परिसर के पास में ही स्थित हैं।