कालिय दह पे खेलन आया मेरा छोटा सा कन्हैया

कालिय दह पे खेलन आया मेरा छोटा सा कन्हैया

कालिय दह पे खेलन आया
कालिय दह पे खेलन आया री, मेरा छोटा सा कन्हैया |
ग्वाल बाल सब सखा संग में ....2,
गेंद का खेल रचाया री || मेरा छोटा ........
काहे की पट गेंद बनाई ....2,
कैसा डंडा लाया री, मेरा छोटा सा कन्हैया
अररर कैसा डंडा लाया री मेरा छोटा सा कन्हैया ||
कालिय दह पे ..........
रेशम की पट गेंद बनाई ....2,
चन्दन बल्ला लाया री, मेरा छोटा सा कन्हैया
अररर चन्दन डंडा लाया री मेरा छोटा सा कन्हैया ||
मारी टोल गेंद गई दह में ....2,
गेंद के संग ही धाया री, छोटा सा कन्हैया
अररर गेंद के संग ही धाया री, छोटा सा कन्हैया ||
नागिन तब एक उठकर बोली ....2,
क्यों तू दह में आया री, छोटा सा कन्हैया
अररर क्यों तू दह में आया री, छोटा सा कन्हैया ||
क्या तू बच्चे राह भूल गया ....2,
क्या किसी ने बहकाया री, छोटा सा कन्हैया
अररर क्या किसी ने बहकाया री, छोटा सा कन्हैया ||
.कैसे तू बेटा यहाँ आया ....2,
क्या किसी ने भिजवाया री, छोटा सो कन्हैया
अररर क्या किसी ने भिजवाया री, छोटा सा कन्हैया ||
ना नागिन मैं राह भूल गया....2,
ना किसी ने बहकाया री, छोटा सा कन्हैया
अररर ना किसी ने बहकाया री छोटा सा कन्हैया ||
नागिन नाग जगाय दे अपना ....2,
उसी की खातिर आया री, छोटा सा कन्हैया
अररर उसी की खातिर आया री, मेरा छोटा सा कन्हैया ||
नहीं जगावे तो रहने दे ....2,
ठोकर मार जगाया री मेरा छोटा सा कन्हैया
अररर ठोकर मार जगाया री, छोटा सो कन्हैया ||
हुआ युद्ध दोनों में भारी ....2,
अंत में नाग हराया री मेरा छोटा सा कन्हैया
अररर अंत में नाग हराया री मेरा छोटा सा कन्हैया ||
नाग नाथ रेती में डाला ....2,
फन-फन पे रास रचाया री छोटा सा कन्हैया
अरे फन-फन पे रास रास रचाया री, छोटा सा कन्हैया ||
रसनदीप को नाग भेज दिया ....2,
फन पै चिन्ह लगाया री, छोटा सा कन्हैया
अररर फन पै चिन्ह लगाया री, छोटा सा कन्हैया ||
घासीराम ने कथा को कह के ....2,
बैठ चौपाल पे गाया री, छोटा सा कन्हैया
अररर बेठ चौपाल पे गाया री मेरा छोटा सा कन्हैया ||
कालिय दह पे ........
शब्दार्थ : दह = बड़ा तालाब

Kali Deh Pe Khelan Aayo Ri

सुंदर भजन में श्रीकृष्णजी की बाल लीला और कालिया नाग दमन की कथा का मधुर चित्रण है, जो उनकी नन्ही सी उम्र में भी अलौकिक शक्ति और मस्ती को दर्शाता है। यह ऐसा है, जैसे कोई गाँव की चौपाल पर छोटे से कन्हैया की शरारत और वीरता की कहानी सुना रहा हो। कालिया दह पर ग्वाल-बालों के साथ गेंद खेलने का दृश्य उस मासूम मस्ती को जीवंत करता है, जैसे बच्चे बेफिक्र होकर खेल में डूब जाते हैं।

रेशम की गेंद और चंदन का बल्ला श्रीकृष्णजी की लीलाओं की सादगी और सौंदर्य को उजागर करता है। गेंद के दह में चले जाने और कन्हैया के पीछे दौड़ने का भाव उनकी नन्ही उम्र की नटखटता को दिखाता है, जैसे कोई बच्चा अपनी गेंद के लिए बिना डर के कहीं भी चला जाए। नागिन का सवाल कि “क्यों दह में आया?” और कन्हैया का निर्भीक जवाब कि वह नाग को जगाने आया है, उनकी वीरता और दृढ़ता को दर्शाता है।

नाग के साथ युद्ध और अंत में कालिया को हराकर उसके फन पर रास रचाने का चित्र उस अलौकिक शक्ति का प्रतीक है, जो श्रीकृष्णजी में बसी है। यह ऐसा है, जैसे कोई अपने नन्हे नायक की वीरता पर गर्व से कहानी सुनाए। फन पर चिन्ह लगाकर नाग को रसनदीप भेजना उनकी कृपा और दया को दिखाता है, जैसे कोई विजेता अपने शत्रु को भी सम्मान दे।

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Kali Deh Pe Khelan Aayo Ri · Pt. Gyanendra Sharma | Master Ravi
Yashoda Ne Jayo Nandlala

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