दिलबर की अदा निराली है भजन
दिलबर की अदा निराली है दिलबर की अदा निराली है,दिल छीन लिया उसने मेरा,प्यारे की सूरत प्यारी है,दिल छीन लिया उसने मेरा,दिन रात तड़पता रहता हु घनश्याम तुम्हारी यादो में,हस कर सब छीन लिया मेरा जादू है तेरी बातो में,कंधे पे कामर काली है दिल छीन लिया उसने मेरा,दिलबर की अदा निराली है.........प्रग जैसे मोटे नैनो पे बलिहारी जाऊ मैं प्यारे,वाह छेल छबीले रसियां के है केश घने काले काले,अधरों पे मुरली प्यारी है दिल छीन लिया उसने मेरा,दिलबर की अदा निराली है,हे सर्वेश्वर हे कृष्ण पिया मैं तेरा हूँ तू मेरा है,आकर के बाह पकड़ मेरी माया ने मुझको गेरा है,तुझसे जन्मो की यारी है दिल छीन लिया उसने मेरा,दिलबर की अदा निराली है,
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