गोद में माँ की सोना है भजन लिरिक्स

गोद में माँ की सोना है लिरिक्स God Me Maa Ki Sona Hai

श्याम है अर्ज मेरी उम्र घटा दो मेरी,
हां बचपन लोटा दो संग रहे माँ मेरी,
अब मुझे और बड़ा नही होना है,
गोद में माँ की सोना है,

ऊँगली पकड कर मैं चलू,
माँ हो मेरे साथ लोर सुनाये माँ,
मुझको सिर पर फेरे हाथ,
माँ की चाहत में जीवन भिगोना है,
गोद में माँ की सोना है....

भूख लगे जब भी मुझको माँ को दूआवाज,
माँ के हाथ से खाऊ खुद पर हो मुझे नाज,
दुनिया पीतल है सब माँ सोना है,
गोद में माँ की सोना है.....

हाथ फिरा कर सिर पे कहते बड़े तेरे वपार,
समय नही उस माँ की खातिर सब कुछ है बेकार,
छोड़ जाए गी माँ फिर रोना है,
गोद में माँ की सोना है.......

कुछ लोगो की नजरो में माँ की कदर नही,
भूधी आँखे तरस रही बेटे पर असर नही,
माँ के बिन सोनी जीना भी क्या जीना है,
गोद में माँ की सोना है
 

चेतावनी भजन : चेतावनी भजन का का मूल विषय व्यक्ति को उसके अवगुणों के बारे में सचेत करना और सत्य की राह पर अग्रसर करना होता है। राजस्थानी चेतावनी भजनो का मूल विषय यही है। गुरु की शरण में जाकर जीवन के उद्देश्य के प्रति व्यक्ति को सचेत करना ही इनका भाव है। चेतावनी भजनों में कबीर के भजनो को क्षेत्रीय भाषा में गया जाता है या इनका कुछ अंश काम में लिया जाता है। 

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