करदो री सखी मेरा शृंगार
करदो री सखी मेरा शृंगार
करदो री सखी मेरा शृंगार बनु मैं सजनी सांवरे की,अपने गहनों पर लिखवाऊं श्याम नाम,
करदो री सखी मेरा शृंगार बनु मैं सजनी सांवरे की,
तीखा बेटा नन्द यशोदा नाथ पे नाग नथिया,
कुण्डल कर मेरा कृष्ण कन्हियान नटवर नैन चुराइयाँ,
गले के हरवा पे हारे का सहारा श्याम बनु मैं सजनी सांवरे की,
करदो री सखी मेरा शृंगार बनु मैं सजनी सांवरे की,
बाजू बंधन पर ब्रिज का छेला बंसी धर कहलावे,
चूड़ी पर चिंचोर बिहारी चीर चुरा ले जावे,
मेरी मुंदरी पर मोहन का माह रास बनु मैं सजनी सांवरे की,
करदो री सखी मेरा शृंगार बनु मैं सजनी सांवरे की,
तीन बाणधारी तगड़ी पर लिख दे री वेहणारी,
छन छन छनन पायलिया पर प्राण नाथ वारि,
मेरी सांसो में वासा है बाबा श्याम बनु मैं सजनी सांवरे की,
करदो री सखी मेरा शृंगार बनु मैं सजनी सांवरे की,
Kardo Ri Sakhi Mera Shingar #New Krishna Bhajan 2018 #Nirmal Sharma #Saawariya
सुन्दर भजन में संपूर्ण समर्पण और प्रेम की मधुर भावना प्रकट होती है। यह भजन मानो एक सजीव चित्र है, जिसमें एक भावुक ह्रदय श्रीकृष्णजी के प्रेम में पूर्ण रूप से आत्मलीन हो रहा है।
शृंगार केवल बाह्य सौंदर्य का प्रतीक नहीं, बल्कि मन की उस गहराई को व्यक्त करता है, जहाँ भक्त अपने आराध्य को सर्वस्व मानकर अपने अस्तित्व को उन्हीं के चरणों में अर्पित कर देना चाहता है। प्रत्येक आभूषण, प्रत्येक संकेत में श्रीकृष्णजी का नाम अंकित करने की अभिलाषा प्रेम की उस अनंत धारा को दर्शाती है, जिसमें संसार की सभी वस्तुएं ईश्वरमय प्रतीत होती हैं।
बंसीधर के प्रति यह प्रेम मात्र एक लौकिक आकर्षण नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धतम पुकार है। बाजूबंद, कुंडल, चूड़ियों में कृष्ण नाम की छवि उकेरने की यह भावना भक्त की अनन्य भक्ति को दर्शाती है—जहाँ वह श्रीकृष्णजी के हर रूप में सौंदर्य और प्रेम को देखता है।
सुन्दर भजन में यह भाव भी स्पष्ट होता है कि यह प्रेम केवल बाह्य रूप से सीमित नहीं बल्कि श्वास-श्वास में ईश्वरीय नाम बसा हुआ है। यही भक्ति का चरम है—जहाँ सांसों का हर क्षण आराध्य के स्मरण में बीतता है, और हृदय की धड़कनों में केवल उनका ही नाम गूंजता है।
शृंगार केवल बाह्य सौंदर्य का प्रतीक नहीं, बल्कि मन की उस गहराई को व्यक्त करता है, जहाँ भक्त अपने आराध्य को सर्वस्व मानकर अपने अस्तित्व को उन्हीं के चरणों में अर्पित कर देना चाहता है। प्रत्येक आभूषण, प्रत्येक संकेत में श्रीकृष्णजी का नाम अंकित करने की अभिलाषा प्रेम की उस अनंत धारा को दर्शाती है, जिसमें संसार की सभी वस्तुएं ईश्वरमय प्रतीत होती हैं।
बंसीधर के प्रति यह प्रेम मात्र एक लौकिक आकर्षण नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धतम पुकार है। बाजूबंद, कुंडल, चूड़ियों में कृष्ण नाम की छवि उकेरने की यह भावना भक्त की अनन्य भक्ति को दर्शाती है—जहाँ वह श्रीकृष्णजी के हर रूप में सौंदर्य और प्रेम को देखता है।
सुन्दर भजन में यह भाव भी स्पष्ट होता है कि यह प्रेम केवल बाह्य रूप से सीमित नहीं बल्कि श्वास-श्वास में ईश्वरीय नाम बसा हुआ है। यही भक्ति का चरम है—जहाँ सांसों का हर क्षण आराध्य के स्मरण में बीतता है, और हृदय की धड़कनों में केवल उनका ही नाम गूंजता है।
Album - Duniya Se Hari Mere Shyam
Song : Kardo Ri Sakhi Mera Shingar
Singer : Nirmal Sharma (7534830702)
Music : Bijender Singh (Chauhan)
Lyrics : Nirmal Sharma
Song : Kardo Ri Sakhi Mera Shingar
Singer : Nirmal Sharma (7534830702)
Music : Bijender Singh (Chauhan)
Lyrics : Nirmal Sharma