तारा से जड़ दयौ चुनड़ी लिरिक्स Tara Se Jad Dyo Chunadi Lyrics
तारा से जड़ दयौ चुनड़ी लिरिक्स Tara Se Jad Dyo Chunadi Lyrics
म्हांने जा बा दयो ना, राधा रुक्मण नार उढ़ास्या, बाई ने चुनड़ीया बाई कब से उडीके म्हारी बाट,तारा से जड़ दयौ चुनड़ी
राधा बोली श्याम सुन्दर थारे,बहन सहोदरा एक
या कद से बहन आपकी, साँची बताओ म्हाने बाट
तारा से जड़ दयौ चुनड़ी........
नरसी महतो सेठ सांवरो,करा चाकरी जाए,
नानी बाई म्हारी बाट उडीके,राधा वो तो रही बिलमाइ
तारा से जड़ दयौ चुनड़ी........
राधा रुक्मण साथ चलेगी, सज धज कर भगवान,
नानी बाई को भात भरंगा,अब ना लगाओ स्वामी बार
तारा से जड़ दयौ चुनड़ी........
नानी बाई के सासरे थाने, करणो पड़सी काम
देवर नणदल सास हठीली, बाक़ा करेगी सन्मान,
तारा से जड़ दयौ चुनड़ी........
नरसीजी की डाबड ली का ,आपा माई और बाप
समधन को सन्मान करेगी,बाई ना हिवड़े लगाई,
तारा से जड़ दयौ चुनड़ी........
सै जोड़ा सु भात भरंगा, देखे सारो संसार,
लष्मीजी की चुंदरी,नारायण के हाथ
तारा से जड़ दयौ चुनड़ी........
गंगा जमुना नीर मँगवासया, केसर लयावे भगवान
बून्द बून्द में भगत छापस्या,नरसी तो लेवे थारो नाम
तारा से जड़ दयौ चुनड़ी........