जो मैंने स्वर्ग से बढ़ कर यो खाटू का चमन लिरिक्स Jannat Chhod Di Maine Lyrics
जो मैंने स्वर्ग से बढ़ कर यो खाटू का चमन देखा तो,
हां जन्नत छोड़ दी मैंने।
ना सोने की रही चाहत न चांदी से रही चाहत,
ना हीरे की ना मोती की ना दौलत की रही चाहत,
भखारी बन के ठाकुर का मुझे ऐसा मजा आया के,
हकूमत छोड़ दी मैंने।
महोब्बत सांवरे की देख लो क्या रंग लाइ है,
लगा कर सांवरे से दिल समझ में बात आई है,
सबक ऐसा पढ़ाया श्याम बाबा ने महोब्बत का के,
शिकायत छोड़ दी मैंने।
पढ़े गीता जब उपदेश तो इस राज को जाना,
महोब्बत चीज क्या है इस हकीकत को भी पहचाना,
मिली तालीम गीता से मुझे ऐसी जहां वालो के,
बग़ावत छोड़ दी मैंने।
हां जन्नत छोड़ दी मैंने।
ना सोने की रही चाहत न चांदी से रही चाहत,
ना हीरे की ना मोती की ना दौलत की रही चाहत,
भखारी बन के ठाकुर का मुझे ऐसा मजा आया के,
हकूमत छोड़ दी मैंने।
महोब्बत सांवरे की देख लो क्या रंग लाइ है,
लगा कर सांवरे से दिल समझ में बात आई है,
सबक ऐसा पढ़ाया श्याम बाबा ने महोब्बत का के,
शिकायत छोड़ दी मैंने।
पढ़े गीता जब उपदेश तो इस राज को जाना,
महोब्बत चीज क्या है इस हकीकत को भी पहचाना,
मिली तालीम गीता से मुझे ऐसी जहां वालो के,
बग़ावत छोड़ दी मैंने।