बंदा जो भी खाटू धाम आया
बंदा जो भी खाटू धाम आया
हुआ दूर गम उसको आराम आया,
बंदा जो भी खाटू धाम आया,
खाटू का धाम भी क्या हसि धाम है,
जिस जगह शीश दानी मेरा श्याम है,
जो वहा पहुंचा उस ने ही नाम पाया,
बंदा जो भी खाटू धाम आया,
फूल जैसे चमन में कही खिल गये,
प्यार से देख लो दोनों लब मिल गये,
भक्त के होठो पर जब भी है श्याम आया,
बंदा जो भी खाटू धाम आया,
श्याम बाबा की मुझपे हुई जब नजर,
झूमता मैं भी जा पहुंचा खाटू नगर,
खाटू से मेरे नाम जब ये पैगाम आया,
बंदा जो भी खाटू धाम आया,
बंदा जो भी खाटू धाम आया,
खाटू का धाम भी क्या हसि धाम है,
जिस जगह शीश दानी मेरा श्याम है,
जो वहा पहुंचा उस ने ही नाम पाया,
बंदा जो भी खाटू धाम आया,
फूल जैसे चमन में कही खिल गये,
प्यार से देख लो दोनों लब मिल गये,
भक्त के होठो पर जब भी है श्याम आया,
बंदा जो भी खाटू धाम आया,
श्याम बाबा की मुझपे हुई जब नजर,
झूमता मैं भी जा पहुंचा खाटू नगर,
खाटू से मेरे नाम जब ये पैगाम आया,
बंदा जो भी खाटू धाम आया,
सुन्दर भजन में श्रीश्यामजी की महिमा और उनकी कृपा से खाटूधाम की पावनता का भाव प्रकट किया गया है। खाटू केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि यह श्रद्धा और भक्ति की सजीव अनुभूति का केंद्र है, जहाँ पहुँचते ही भक्तों के समस्त दुःख समाप्त हो जाते हैं और आत्मा को परम शांति प्राप्त होती है।
श्याम बाबा की अनंत कृपा जिस भक्त पर होती है, वह स्वयं को उनकी भक्ति में तल्लीन कर देता है। उनकी उपासना से जीवन के समस्त विघ्न समाप्त होते हैं, और भक्त प्रेम और श्रद्धा से उनके श्रीचरणों में समर्पित होकर आनंद की अनुभूति करता है। खाटूधाम की महिमा केवल स्थान तक सीमित नहीं, बल्कि यह भक्तों के विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक भी है।
भजन का भाव यह दर्शाता है कि श्रीश्यामजी की भक्ति से जीवन में दिव्यता और शांति का संचार होता है। जो भी उनकी शरण में आता है, वह समस्त सांसारिक मोह-माया को त्यागकर आत्मा के सच्चे सुख का अनुभव करता है। खाटूधाम में उनकी उपस्थिति से भक्त अपने मन के समस्त संशयों और दुखों से मुक्त होकर उनकी कृपा का अनुभव करता है।
श्रीश्यामजी की आराधना से आत्मा को परम आनंद और संतोष प्राप्त होता है। जब कोई श्रद्धा और प्रेम से उनकी भक्ति करता है, तब वह उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी संकटों से मुक्त होकर शांति और दिव्यता की अनुभूति करता है। यही इस भजन का दिव्य संदेश है—श्रद्धा, प्रेम और भक्ति से श्रीश्यामजी की कृपा को प्राप्त करना और उनकी उपासना से आत्मा को अनंत आनंद और शांति से भर देना। यही भक्ति का सजीव स्वरूप है।
श्याम बाबा की अनंत कृपा जिस भक्त पर होती है, वह स्वयं को उनकी भक्ति में तल्लीन कर देता है। उनकी उपासना से जीवन के समस्त विघ्न समाप्त होते हैं, और भक्त प्रेम और श्रद्धा से उनके श्रीचरणों में समर्पित होकर आनंद की अनुभूति करता है। खाटूधाम की महिमा केवल स्थान तक सीमित नहीं, बल्कि यह भक्तों के विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक भी है।
भजन का भाव यह दर्शाता है कि श्रीश्यामजी की भक्ति से जीवन में दिव्यता और शांति का संचार होता है। जो भी उनकी शरण में आता है, वह समस्त सांसारिक मोह-माया को त्यागकर आत्मा के सच्चे सुख का अनुभव करता है। खाटूधाम में उनकी उपस्थिति से भक्त अपने मन के समस्त संशयों और दुखों से मुक्त होकर उनकी कृपा का अनुभव करता है।
श्रीश्यामजी की आराधना से आत्मा को परम आनंद और संतोष प्राप्त होता है। जब कोई श्रद्धा और प्रेम से उनकी भक्ति करता है, तब वह उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी संकटों से मुक्त होकर शांति और दिव्यता की अनुभूति करता है। यही इस भजन का दिव्य संदेश है—श्रद्धा, प्रेम और भक्ति से श्रीश्यामजी की कृपा को प्राप्त करना और उनकी उपासना से आत्मा को अनंत आनंद और शांति से भर देना। यही भक्ति का सजीव स्वरूप है।