तेरी मोर छड़ी का झाड़ा लग जाए सांवरे
तेरी मोर छड़ी का झाड़ा लग जाए सांवरे
तेरी मोर छड़ी का झाड़ा लग जाए सांवरे,दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे,
जो श्याम शरण में जाए भर देता झोली है,
इस मोर छड़ी से कितनों की किस्मत खोली है,
अपनी किस्मत के ताले खुल वाले बावरे,
दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे,
गुणगान श्याम का करले किस्मत खुल,
जो कमी तेरे जीवन में पूरी हो जाएगी,
तू प्रेम श्याम से कर ले ना लगता दाम रे,
दुख जिंदगी के सारे कट जाए सांवरे,
जब श्याम बहादुर तेरे दर्शन को आ,
ताले खुलवाए तूने दर्शन वो पा गए,
तू मोर छड़ी से ताले खुलवाता सांवरे,
दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे,
तन्नु संकट हर लेती बाबा की मोर छड़ी,
इसके आगे झुक जाती सब शक्ति बड़ी-बड़ी,
माही पर श्याम करो ना कृपा की छांव रे,
दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे,
Lyrics
तेरी मोर छड़ी का झाड़ा लग जाए सांवरे
दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे
तेरी मोर छड़ी का झाड़ा............
जो श्याम शरण में जाता भर देता झोली है
इस मोर छड़ी ने कितनों की किस्मत खोली है
अपनी किस्मत के ताले खुलवा ले बाबरे
दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे
तेरी मोर छड़ी का झाड़ा............
गुणगान श्याम का कर ले किस्मत खुल जाएगी
जो कमी तेरे जीवन में पूरी हो जाएगी
तू प्रेम श्याम से कर ले ना लगता दाम रे
दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे
तेरी मोर छड़ी का झाड़ा............
जब श्याम बहादुर तेरे दर्शन को आ गए
तब मोर छड़ी से ताले तूने खुलवा दिए
तू मोर छड़ी से ताले खुलवाता सांवरे
दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे
तेरी मोर छड़ी का झाड़ा............
तनु संकट हर लेती बाबा की मोर छड़ी
इसके आगे झुक जाती सब शक्ति बड़ी-बड़ी
माही पर शाम करो ना कृपा की छांव रे
दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे
तेरी मोर छड़ी का झाड़ा............
सुन्दर भजन में श्रीश्यामजी की कृपा और उनकी अनंत शक्ति का भाव प्रकट किया गया है। उनकी मोर छड़ी केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि यह भक्तों के कष्टों को समाप्त करने का दिव्य माध्यम है। जब कोई श्रद्धा और प्रेम से श्यामजी की शरण में आता है, तब उसे उनकी कृपा से जीवन के समस्त अवरोधों से मुक्ति प्राप्त होती है।
श्यामजी की भक्ति में वह गहन अनुभूति होती है, जो जीवन को संतोष और आनंद से भर देती है। उनकी मोर छड़ी को भक्त केवल एक बाह्य वस्तु नहीं मानते, बल्कि यह उनके आशीर्वाद का प्रतीक है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह भजन उस विश्वास का स्मरण कराता है, जिसमें भक्त यह अनुभव करता है कि श्यामजी की कृपा से उसके समस्त दुख दूर हो सकते हैं।
इस भजन का भाव यह दर्शाता है कि श्रीश्यामजी की आराधना से आत्मा को स्थिरता और शांति प्राप्त होती है। जब कोई सच्चे मन से उनका गुणगान करता है, तब उसकी जीवन की कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं और उसे आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्राप्त होता है। उनकी कृपा से जीवन में मंगल की स्थापना होती है।
श्यामजी की भक्ति से जीवन का हर संकट समाप्त हो जाता है। जब भक्त प्रेम और श्रद्धा से उनकी शरण में आता है, तब उसे उनके आशीर्वाद से आत्मिक आनंद की अनुभूति होती है। यही इस भजन का सार है—श्रद्धा, समर्पण और भक्ति के माध्यम से जीवन को दिव्यता और शांति की ओर अग्रसर करना। श्यामजी की कृपा से ही भक्त को सच्चा संतोष और परम शांति प्राप्त होती है। यही उनकी भक्ति का दिव्य स्वरूप है।
श्यामजी की भक्ति में वह गहन अनुभूति होती है, जो जीवन को संतोष और आनंद से भर देती है। उनकी मोर छड़ी को भक्त केवल एक बाह्य वस्तु नहीं मानते, बल्कि यह उनके आशीर्वाद का प्रतीक है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह भजन उस विश्वास का स्मरण कराता है, जिसमें भक्त यह अनुभव करता है कि श्यामजी की कृपा से उसके समस्त दुख दूर हो सकते हैं।
इस भजन का भाव यह दर्शाता है कि श्रीश्यामजी की आराधना से आत्मा को स्थिरता और शांति प्राप्त होती है। जब कोई सच्चे मन से उनका गुणगान करता है, तब उसकी जीवन की कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं और उसे आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्राप्त होता है। उनकी कृपा से जीवन में मंगल की स्थापना होती है।
श्यामजी की भक्ति से जीवन का हर संकट समाप्त हो जाता है। जब भक्त प्रेम और श्रद्धा से उनकी शरण में आता है, तब उसे उनके आशीर्वाद से आत्मिक आनंद की अनुभूति होती है। यही इस भजन का सार है—श्रद्धा, समर्पण और भक्ति के माध्यम से जीवन को दिव्यता और शांति की ओर अग्रसर करना। श्यामजी की कृपा से ही भक्त को सच्चा संतोष और परम शांति प्राप्त होती है। यही उनकी भक्ति का दिव्य स्वरूप है।