मैं मंगल गाऊं श्याम तुम्हें मनाऊं

मैं मंगल गाऊं श्याम तुम्हें मनाऊं

(मुखड़ा)
मैं मंगल गाऊं, श्याम तुम्हें मनाऊं, हर रूप में तुम्हें पाऊं,
और एक ही रटन लगाऊं, तू मेरा श्याम है, तू मेरा घनश्याम है।
मैं मंगल गाऊं, श्याम तुम्हें मनाऊं, हर रूप में तुम्हें पाऊं।।

(अंतरा)
सांवरे का नाम लेकर, ज़िंदगी गुजारूं मैं,
तुझसे आस मेरी, और कहां जाऊं मैं,
तूने जीवन किया उजाला, तू है सबका रखवाला,
तू मेरा श्याम है, तू मेरा घनश्याम है।।

(अंतरा)
सबका तू ही मालिक बाबा, सबका तू विधाता है,
श्याम सबके जीवन का, तू सुख-दुख का दाता है,
तू ही सबके भाग्य सवारे, करे सबके वारे-न्यारे,
तू मेरा श्याम है, तू मेरा घनश्याम है।।

(अंतरा)
सांवरे का दर्शन पाने, भक्त खाटू आते हैं,
अपने दिल का श्याम तुमको सुनाते हैं,
सबकी सुनकर फरियादें, पूरी करते हो आसें मुरादें,
तू मेरा श्याम है, तू मेरा घनश्याम है।।

(पुनरावृति)
तू मेरा श्याम है, तू मेरा घनश्याम है।।

 
सुन्दर भजन में भक्त की अटूट श्रद्धा और प्रेम को दर्शाया गया है। यह भाव प्रकट करता है कि बाबा हर रूप में भक्त के जीवन में व्याप्त हैं—हर सांस में, हर विचार में, हर अनुभूति में। उनके नाम का स्मरण जीवन को मंगलमय बना देता है और हृदय को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।

जब भक्त श्याम का नाम लेकर जीवन व्यतीत करता है, तो उसके मन में कोई द्वंद्व नहीं रहता। बाबा उसका मार्गदर्शन करते हैं, संकटों को हरते हैं और जीवन में प्रकाश फैलाते हैं। यही विश्वास उसे हर परिस्थिति में संतोष प्रदान करता है, जहाँ वह हर क्षण को बाबा की भक्ति में समर्पित करता है।

बाबा न केवल सुख-दुख के दाता हैं, बल्कि भाग्य को संवारने वाले भी हैं। वे अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं और उनकी इच्छाओं को पूरा करते हैं। जब भक्त उनके दरबार में आता है, तो वह अपने मन की बात बाबा से साझा करता है, और बाबा उसकी हर फरियाद पूरी करते हैं।
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