मैं मंगल गाउ श्याम तुम्हे मनाऊं भजन
मैं मंगल गाउ श्याम तुम्हे मनाऊं भजन
मैं मंगल गाउ श्याम तुम्हे मनाऊं हर रूप में तुम्हे पाउ, और एक ही रत्न लगाउ तू मेरा श्याम है तू मेरा घनश्याम है ,
मैं मंगल गाउ श्याम.......
सँवारे का नाम लेके ज़िंदगी गुजारु मैं,
तुझसे आस मेरी और कहा जाऊ मैं,
तूने जीवन किया उजाला तू है सब का रखवाला,
तू मेरा श्याम है तू मेरा घनश्याम है....
सब का तू ही मालिक बाबा सबका तू विधयता है,
श्याम सबके जीवन का तू सुख दुःख का दाता है,
तू ही सबके भाग सवारे करे सबके वारे न्यारे,
तू मेरा श्याम है तू मेरा घनश्याम है,
सांवरे का दर्श पाने भक्त खाटू आते है,
अपने दिल का श्याम तुम को सुनाते है,
सब की सुनके फर्यादे पूरी करते हो आसे मुरादे,
तू मेरा श्याम है तू मेरा घनश्याम है,
मैं मंगल गाउ श्याम.......
सँवारे का नाम लेके ज़िंदगी गुजारु मैं,
तुझसे आस मेरी और कहा जाऊ मैं,
तूने जीवन किया उजाला तू है सब का रखवाला,
तू मेरा श्याम है तू मेरा घनश्याम है....
सब का तू ही मालिक बाबा सबका तू विधयता है,
श्याम सबके जीवन का तू सुख दुःख का दाता है,
तू ही सबके भाग सवारे करे सबके वारे न्यारे,
तू मेरा श्याम है तू मेरा घनश्याम है,
सांवरे का दर्श पाने भक्त खाटू आते है,
अपने दिल का श्याम तुम को सुनाते है,
सब की सुनके फर्यादे पूरी करते हो आसे मुरादे,
तू मेरा श्याम है तू मेरा घनश्याम है,
सुन्दर भजन में श्रीकृष्णजी के प्रति गहन भक्ति और उनके सर्वव्यापी स्वरूप का मधुर चित्रण है। श्याम का मंगल गान करना और उन्हें हर रूप में पाना भक्त के हृदय की तीव्र चाह को दर्शाता है। वह श्रीकृष्णजी को एकमात्र रत्न मानता है, जो जीवन का आधार और आश्रय हैं। जैसे एक दीपक अंधेरे को दूर करता है, वैसे ही श्याम का नाम जीवन को उजाले से भर देता है। यह उद्गार सिखाता है कि सच्ची भक्ति में प्रभु ही एकमात्र सहारा हैं, जिनके बिना मन अधूरा रहता है।
श्याम सभी के मालिक और विधाता हैं, जो सुख-दुख का संतुलन बनाते हैं। खाटू में उनके दर्शन के लिए उमड़ता भक्तों का सैलाब और उनकी फरियाद सुनकर मुरादें पूरी करना उनकी असीम कृपा को दर्शाता है। जैसे एक पिता अपने बच्चों की हर पुकार सुनता है, वैसे ही श्रीकृष्णजी भक्तों के भाग्य को संवारते हैं। यह भाव प्रदर्शित करता है कि भक्ति का मार्ग प्रेम और विश्वास से भरा है, जो जीवन को सार्थक बनाता है। श्याम का स्मरण हर पल मन को शांति और आनंद देता है, जो भक्त को संसार के बंधनों से मुक्त करता है।
श्याम सभी के मालिक और विधाता हैं, जो सुख-दुख का संतुलन बनाते हैं। खाटू में उनके दर्शन के लिए उमड़ता भक्तों का सैलाब और उनकी फरियाद सुनकर मुरादें पूरी करना उनकी असीम कृपा को दर्शाता है। जैसे एक पिता अपने बच्चों की हर पुकार सुनता है, वैसे ही श्रीकृष्णजी भक्तों के भाग्य को संवारते हैं। यह भाव प्रदर्शित करता है कि भक्ति का मार्ग प्रेम और विश्वास से भरा है, जो जीवन को सार्थक बनाता है। श्याम का स्मरण हर पल मन को शांति और आनंद देता है, जो भक्त को संसार के बंधनों से मुक्त करता है।
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