(मुखड़ा)
मैया आरासुरी, करजो आशा पूरी, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
मैया दुःख हरो, मैया कष्ट हरो, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे।।
(अंतरा)
मैं हूँ दास तेरा, सुन अरदास मेरी, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
मैया रोग हरो, मैया झोली भरो, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे।।
मैया रक्षा करो, मैया क्लेश हरो, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
आए शरण तेरी, रखजो लाज म्हारी मोरी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
मैं हूँ बालक तेरा, तू है माता मेरी, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
भक्ति तेरी करें, नित-नित नाम जपे, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे।।
उसकी विपदा मिटे, नाम और यश भी मिले, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
है ये आस मेरी, करनी तुझको पूरी, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
मैया आओ तो सरी, म्हारा घर आओ तो सरी, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
जो है रूखा-सूखा, मैया भोग लगा, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे।।
मैया कृपा करें, भक्त तेरे खड़े, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
मैया भक्त खड़े, तेरे द्वार खड़े, मैया अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
मेरा परिवार तू माँ, मेरा संसार है तू, मेरी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
है अरदास यही, रक्षा मिलती रहे, मोरी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
‘अंकित’ विनती करे, हाथ जोड़ द्वार खड़े, मेरी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
मैया करुणामई, मैया ममतामई, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे,
मैया आरासुरी, करजो आशा पूरी, म्हारी अंबे,
हूँ तो विनती करूँ, जगदंबे।।