तेरी करती रहूं मैं चाकरी वरदान यही मैं चाहूँ

तेरी करती रहूं मैं चाकरी वरदान यही मैं चाहूँ

(मुखड़ा)
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
माँ शेरावाली, वर देना,
माँ ज्योता वाली, वर देना।।

(अंतरा)
एक जनम क्या, कई जन्मों तक,
तेरी सेवा पाऊँ,
सुंदर-सुंदर इन हाथों से,
तेरे द्वार सजाऊँ,
मेरी लगती रहे दर हाज़िरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ।।

अपनी आँखों की पलकों से,
तेरा अंगना बुहारूँ,
तन-मन के फूलों से,
अंबे मंदिर तेरा सवारूँ,
बस मैं ये चाहूँ, तेरी चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ।।

(पुनरावृति)
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
माँ शेरावाली, वर देना,
माँ ज्योता वाली, वर देना।।

 


तेरी करती रहुं मै चाकरी वरदान यही चाहूँ | Teri Karti Rahu Mai Chakri | देवी गीत | Dr. Tapsi Nagraj

Song: तेरी करती रहुं मै चाकरी वरदान यही चाहूँ
संगीत और आवाज़- डॉ तापसी नागराज
गीत- योगी जबलपुरी
संगीत संयोजन- सचिन उपाध्याय
बासुरी - मुरलीधर नागराज
तबला सचिन उपाध्याय

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