लेताँ लेताँ राम नाम रे लिरिक्स
लेताँ लेताँ राम नाम रे, लोकड़ियाँ तो लाजाँ मरे छै।।टेक।।
हरि मंदरि जाताँ पांवलिया रे दूखे, फिर आवे सारो गाम रे।
झगड़ो थाँय त्याँ दौड़ी न जाय रे मूको रे घर ना काम रे।
भाड भवैया गणिका नित करताँ, बेसी रहें चारे जाम रे।
मीराँना प्रभु गिरधरनागर चरण कमल चित हाम रे।।
(लोकड़ियाँ=संसार के लोग, पाँवलिया=पैर, फिर आवै घूम आवे, थाय=हो, त्यां=तहाँ,वहाँ, दोड़ी ने=दौड़कर, मूकीने=छोड़कर, घर ना=घर का, भांड=विदूषक,मसखरे, भवैया=नर्तक,नाच करने वाला, नित्य=नृत्य, बेसी रहें= बैठा रहे, जाम=याम,प्रहर,घड़ी)