बस्याँ म्हारे नेणा माँ नँदलाल लिरिक्स
मीरा भजन
वस्याँ म्हारे नेणा माँ नँदलाल ।।टेक।।
मोर मुगट मकराकृत कुण्डल अरूण तिलक सोहाँ भाल।
मोहण मूरत साँवराँ सूरत णेणा बण्या बिसाल।
अधर सुधारस मुरली राजाँ उर बैजंती माल।
मीराँ प्रभु संताँ सुखदायाँ भक्त बछल गोपाल।।
(बस्याँ=बसो, णेणण माँ=नैनों में,आँखों में, मकराकृत=मकर या मछली के आकार का, अरूण=लाल, मोहण=मोहना,मोह लेने वाली, साँवराँ=साँवली, बण्याँ=बने हुए हैं, सुधारस= अमृत के रस के समान, राजाँ=राजती है, सुशोभित होती है, उर=हृदय, बैजन्तीमाल= बैजन्ती माला,जिसे कृष्ण पहना करते थे, सुखदायाँ=सुख देने वाले, भक्त बछल= भक्त-वत्सल, गोपाल=कृष्ण)