राम नाम मेरे मन बसियो Ram Naam Mere Man Basiyo Meera Bhajan मीरा भाई भजन राम नाम मेरे मन बसियो लिरिक्स मीरा पदावली Ram Naam Mere Man Basiyo
राम नाम मेरे मन बसियो,रसियो राम रिझाऊं ए माय।
मैं मंदभागण परम अभागण,
कीरत कैसे गाऊं ए माय।
बिरह पिंजरकी बाड़ सखी री,
उठकर जी हुलसाऊं ए माय।
मन कूं मार सजूं सतगुरसूं,
दुरमत दूर गमाऊं, ए माय॥
राम नाम मेरे मन बसियों,
रसियो राम रिझाऊं ऐ माय।
राम नाम मेरे मन बसियो।
डंको नाम सुरतकी डोरी,
कड़ियां प्रेम चढ़ाऊं ए माय।
प्रेम को ढोल बन्यो अति भारी,
मगन होय गुण गाऊं ए माय॥
राम नाम मेरे मन बसियों,
रसियो राम रिझाऊं ऐ माय।
राम नाम मेरे मन बसियो।
तन करूँ ताल मन करूँ ढ़फ़ली,
सोती सुरति जगाऊं ए माय।
निरत करूं मैं प्रीतम आगे,
तो प्रीतम पद पाऊं ए माय॥
राम नाम मेरे मन बसियों,
रसियो राम रिझाऊं ऐ माय।
राम नाम मेरे मन बसियो।
मो अबलापर किरपा कीज्यौ,
गुण गोविन्दका गाऊं ए माय।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
रज चरणनकी पाऊं ए माय।
राम नाम मेरे मन बसियों,
रसियो राम रिझाऊं ऐ माय।
राम नाम मेरे मन बसियो।
(हुलसाऊं=मन बहलाऊंगी/मन को बहलाना, गमाऊं=गवां दूं,खो दूं गम कर देना, डंको=डंका (ढोल बजाने का डंका (लकड़ी), कड़ियां=ढोल की डोरियां जिन पर ढोल को कसा जाता है, मोरचंग=मुंह से बजाने का एक राजस्थानी वाद्य यंत्र, एक बाजा,मुंहचंग, रज=धूल)