सहेलियाँ साजन घर आया हो लिरिक्स Saheliya Saajan Ghar Aaya Ho Lyrics

सहेलियाँ साजन घर आया हो लिरिक्स Saheliya Saajan Ghar Aaya Ho Lyrics मीरा भजन

सहेलियाँ साजन घर आया हो।
बहोत दिनां की जोवती बिरहिण पिव पाया हो।।
रतन करूँ नेवछावरी ले आरति साजूं हो।
पिवका दिया सनेसड़ा ताहि बहोत निवाजूं हो।।
पांच सखी इकठी भई मिलि मंगल गावै हो।
पिया का रली बधावणा आणंद अंग न मावै हो।
हरि सागर सूं नेहरो नैणां बंध्या सनेह हो।
मरा सखी के आगणै दूधां बूठा मेह हो।।
सहेलियां साजन घर आया हो।।टेक।।
बहोत दिना की जोवती, बिरहिन पिव पाया हो।
रतन करूँ नेछावरी, ले आरति साजुँ हो।
पिया का दिया सनेसड़ा ताहि बहोत निवाजूँ हो।
पांच सखी इकट्ठी भई, मिलि मंगल गावै हो।
पिय की रती बधावणां आणन्द अंगि न मावै हो।
हरि सागर सू नेहरो, नैणा बाँध्यो सनेह हो।
मीरां सखी के आंगणै, दूधां बूँठा मेह हो।।
(जोबती=प्रतीक्षा करती, सनेसड़ा=सन्देश, निवाजूँ=कृतज्ञ होना, पाँच सखी=पाँचों इन्द्रियाँ, मावै हो=समाती, नेहरो=स्नेह, दूधाँ बूँठा मेह हो=दूध की वर्षा से भर गया,उत्साह और आनन्द से परिपूर्ण हो गया)



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