सजन सुध ज्यूँ जाणे त्यूँ लीजै हो भजन लिरिक्स

सजन सुध ज्यूँ जाणे त्यूँ लीजै हो भजन लिरिक्स

सजन सुध ज्यूँ जाणे त्यूँ लीजै हो।।टेक।।
तुम बिन मोरे अवर न कोई, क्रिपा रावरी कीजै हो।
दिन नहिं भूख रैण नहिं निंदरा, यूँ तन पलपल छीजै हो।
मीराँ के प्रभु गिरधरनागर, मिल बिछड़न मत कीजै हो।।

(अवर=और, रावरी=अपनी, छीजे हो=क्षीण होता जाता है)
 


Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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