सखी म्हांरो कानूडो कलेजे की कोर लिरिक्स

सखी म्हांरो कानूडो कलेजे की कोर लिरिक्स

सखी म्हांरो कानूडो कलेजे की कोर।।टेक।।
मोर मुगट पीताम्बर सोहै, कुण्डल की झकझोर।
बिन्द्रावन की कुँज गलिन में, नाचत नन्द किसोर।
मीराँ के प्रभु गिरधरनागर, चरण कँवल चितचोर।।

(कानूडो=कान्ह,श्रीकृष्ण, कलेजे की कोर=हृदय का टुकड़ा,अत्याधिक प्यारा, झकझोर=हिलना-डुलना, चितचोर=मन को चुराने वाला)
 
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