गोकला के बासी भले ही आए मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

गोकला के बासी भले ही आए मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

गोकला के बासी भले ही आए, गोकुला के बासी
गोकला के बासी भले ही आए, गोकुला के बासी।।टेक।।
गोकल की नारि देखत, आनंद सुखरासी।
एक गावत के नांचत, एक करत हाँसी।
पीताम्बर फेटा बाँधे, अरगजा सुबासी।
गिरधर से सुनवल ठाकुर, मीराँ सी दासी।।
(गोकुल के बासी=गोकुल-निवासी श्रीकृष्ण, भले ही=बहुत अच्छा हुआ, सुखरासी=सुखों का ढेर, अरगजा=एक प्रकार का सुगन्धित पदार्थ, सुबासी=सुगन्धित, सुनवल=सुन्दर, ठाकुर=स्वामि)
 
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बसो मोरे नैनन में नंदलाल।
मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल।
अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।
मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।

23.
फूल मंगाऊं हार बनाऊ। मालीन बनकर जाऊं॥१॥
कै गुन ले समजाऊं। राजधन कै गुन ले समाजाऊं॥२॥
गला सैली हात सुमरनी। जपत जपत घर जाऊं॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। बैठत हरिगुन गाऊं॥४॥

बड़े घर ताली लागी रे, म्हारां मन री उणारथ भागी रे॥
छालरिये म्हारो चित नहीं रे, डाबरिये कुण जाव।
गंगा जमना सूं काम नहीं रे, मैंतो जाय मिलूं दरियाव॥
हाल्यां मोल्यांसूं काम नहीं रे, सीख नहीं सिरदार।
कामदारासूं काम नहीं रे, मैं तो जाब करूं दरबार॥
काच कथीरसूं काम नहीं रे, लोहा चढ़े सिर भार।
सोना रूपासूं काम नहीं रे, म्हारे हीरांरो बौपार॥
भाग हमारो जागियो रे, भयो समंद सूं सीर।
अम्रित प्याला छांडिके, कुण पीवे कड़वो नीर॥
पीपाकूं प्रभु परचो दियो रे, दीन्हा खजाना पूर।
मीरा के प्रभु गिरघर नागर, धणी मिल्या छै हजूर॥

बन जाऊं चरणकी दासी रे, दासी मैं भई उदासी॥ध्रु०॥
और देव कोई न जाणूं। हरिबिन भई उदासी॥१॥
नहीं न्हावूं गंगा नहीं न्हावूं जमुना। नहीं न्हावूं प्रयाग कासी॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमलकी प्यासी॥३॥
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